भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया और 'भूमि राशि' पोर्टल पर कार्यशाला आयोजित
चेन्नई, 20 नवंबर (हि.स.)। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने चेन्नई के ग्रीन पार्क होटल, वाडापलानी सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार के साथ मिलकर सोमवार 20 नवंबर को भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया और 'भूमि राशि' पोर्टल के परिचय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया।
कार्यशाला का उद्देश्य राजमार्ग विकास परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को तेजी से ट्रैक करना था। कार्यालय में बताया गया कि यह पहल भूमि के तेजी से अधिग्रहण का मार्ग प्रशस्त करेगी, जिससे तमिलनाडु में राजमार्ग विकास परियोजनाओं को समय पर पूरा करने में सुविधा होगी। बता दें कि केंद्र सरकार तमिलनाडु में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए प्रतिबद्ध है और विभिन्न परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए अथक प्रयास कर रही है। भारत सरकार तमिलनाडु में 40 हजार करोड़ रुपये से अधिक की कई राजमार्ग विकास परियोजनाएं चला रही है।
कार्यशाला का उद्घाटन राजमार्ग एवं लघु बंदरगाह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रदीप यादव ने किया।अपने उद्घाटन भाषण में प्रदीप यादव ने कहा कि भूमि का कब्ज़ा लेने से पहले मुआवजे का भुगतान सीएएलए की प्राथमिक जिम्मेदारी है क्योंकि मुआवजे के भुगतान के बिना भूमि लेना अनैतिक है। उन्होंने सभी प्रतिभागियों से कार्यशाला का प्रभावी उपयोग करने और भूमि मालिकों को मुआवजे की समय पर प्रक्रिया और भुगतान सुनिश्चित करने के लिए सभी संदेह और अन्य मुद्दों को दूर करने का भी आह्वान किया।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के सचिव बी.पी. खरे ने सभी प्रतिभागियों को भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया और भूमि राशि पोर्टल की कार्यप्रणाली के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया गया कि भूमि राशि पोर्टल न केवल अधिग्रहीत भूमि के मुआवजे के सीधे भुगतान में तेजी लाने की अनुमति देगा, बल्कि भूमि मालिकों को उनके भुगतान की स्थिति को जानने/ट्रैक करने के साथ-साथ शिकायत, यदि कोई हो, दर्ज करने की भी अनुमति देगा। इस मौके पर एनएचएआई के सलाहकार (एलए) टी.एन. रामनाथन ने ने तमिलनाडु राज्य में भूमि अधिग्रहण के विभिन्न मुद्दों पर एक विस्तृत प्रस्तुति भी दी।
हिन्दुस्थान समाचार/डॉ आर.बी. चौधरी/आकाश