पुलिस रिमांड में विकास तिवारी ने खोले संगठन के राज
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रामगढ़, 26 फ़रवरी (हि.स.)। पांडे गिरोह के मुख्य सरगना विकास तिवारी के 48 घंटे का रिमांड पूरा हो गया है। उसे एक बार फिर हजारीबाग जेल भेज दिया गया है। लेकिन दो दिनों तक चली पूछताछ में उसने कई खुलासे किए हैं। सबसे बड़ी बात उसने यह कही है कि निशि पांडे शुद्ध रूप से राजनीतिक क्षेत्र में सक्रिय है। उन्हें गिरोह से कोई सरोकार नहीं है। यहां तक कि उनके पास कोई भी गलत तरीके से आमदनी नहीं पहुंचती है। विकास तिवारी ने निशांत सिंह की भूमिका पर भी पुलिस को अपना बयान दिया है। उसने अपनी तरफ से उन दोनों को क्लीन चीट देने की कोशिश की है। पूछताछ के दौरान विकास तिवारी के बयान को कलमबद्ध किया जा रहा था। लेकिन उसने किसी भी दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। यह जानकारी बुधवार को पुलिस सूत्रों ने दी है।
पांडे गिरोह के मुख्य सरगना विकास तिवारी से रिमांड के दौरान स्पेशल ब्रांच, एटीएस और रामगढ़ पुलिस के द्वारा पूछताछ की गई। इस दौरान उसने गिरोह से जुड़े कई राज खोले हैं। उसने उन लोगों के नाम बताएं हैं, जो उनके संगठन के लिए काम करते हैं। कौन व्यक्ति रामगढ़ शहर में है। कौन पतरातू में और कौन किस इलाके में काम कर रहा है। सारी जानकारी उसने दी है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि विकास तिवारी ने पूछताछ में बताया कि पतरातू प्रखंड के बहुत से पत्रकार मेरे संपर्क में है। जिसके बाद पुलिस मामले को गंभीरता से लिया है। पुलिस पत्रकार और गिरोह के सांठगांठ के भूमिका की जांच कर सकती है। जिसमें कई वरिष्ठ पत्रकार जांच के दायरे में आ सकते हैं।
सूत्र बताते है कि विकास तिवारी ने यह बताया कि जेल के अंदर से ही पूरे गिरोह की कमान उसने संभाल रखी है। रामगढ़ जेल में बंद गोविंद राय और ओमप्रकाश को उसने अपना आदमी बताया है। विकास तिवारी ने यह भी कहा है की जेल के बाहर उसके संगठन का संचालन कौन कर रहा है। पुलिस अब इन सारे बिंदुओं पर जांच कर रही है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार विकास तिवारी ने पलामू डबल मर्डर केस में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है। उसने बताया है कि पलामू जिले के चैनपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत गरदा गांव में दीपक साहू और भरत पांडे छुप कर रह रहे थे। उन दोनों का सांठ-गांठ अमन श्रीवास्तव गिरोह से हो गया था। इसके अलावा वे पांडे गिरोह के खिलाफ गतिविधियों में शामिल थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / अमितेश प्रकाश