जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग द्वारा महिला छात्रावास स्वीकृत किये जाने का प्रावधान नहीं - जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री

जयपुर, 5 फ़रवरी (हि.स.)। जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने बुधवार को विधानसभा में स्पष्ट किया कि जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग द्वारा महिला छात्रावास स्वीकृत किये जाने का प्रावधान नहीं है। जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा के सवाल का जवाब दे रहे थे। इस पर गणेश घोघरा ने सवाल उठाते हुए कहा कि मंत्री जी, आप फिर जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग मंत्री क्यों बने हैं। जब जनजाति का विकास ही नहीं कर सकते। गणेश घोघरा की टिप्पणी पर विधानसभा अध्यक्ष ने आपत्ति जताते हुए कहा कि आप सीधे कमेंट नहीं कर सकते, आप सवाल पूछ सकते हैं। मंत्री पर टिप्पणी नहीं करोगे। इस पर विपक्षी सदस्य हंगामा करने लगे।
हंगामें के बीच घोघरा ने मंत्री से पूछा कि आप स्कूलों में नामांकन क्यों नहीं बढ़ाना चाहते, आप आदिवासियों को हक दिलाना चाहते हो या नहीं। मंत्री ने कहा कि यह नियमों में है कि हम स्कूल ज्यादा नहीं खोल सकते। खराड़ी ने कहा कि हमारा विभाग महिला छात्रावास नहीं खोलता है, यह नियमों में नहीं है। अगर आपको लगता है तो सरकार वृद्ध आश्रम चलाती है। वहां महिला और पुरुष दोनों रह सकते हैं।
इससे पहले विधायक घोगरा के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में मंत्री खराड़ी ने कहा कि जनजाति बाहुल्य क्षेत्र डूंगरपुर जिले में संचालित बालक-बालिका आश्रम छात्रावास, खेल छात्रावास, कॉलेज छात्रावास, बहुउद्देशीय छात्रावास एवं आवासीय विद्यालय में कुल प्रवेशित क्षमता 6 हजार 20 के विरूद्ध 5 हजार 817 विद्यार्थी नामांकित हैं। छात्रावासों में छात्र क्षमता बढाने का विधिवत औचित्य पूर्ण प्रस्ताव प्राप्त होने पर संसाधन व बजट की उपलब्धता एवं अन्य क्षेत्रों के सापेक्ष क्षेत्र विशेष की आवश्याकता को ध्यातन में रखते हुए छात्र क्षमता बढ़ाने का परीक्षण कराया जा सकेगा। खराड़ी ने कहा कि डूंगरपुर जिले के जनजाति बालिका आश्रम छात्रावास में 22 कोच, कॉलेज छात्रावास में 01 कोच एवं खेल छात्रावास में खेल प्रशिक्षक के 04 पद सहित कुल 27 पद स्वीकृत हैं। बालक आश्रम छात्रावासों में खेल प्रशिक्षक/कोच का पद वर्तमान में स्वीकृत नहीं है।
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हिन्दुस्थान समाचार / संदीप