सिस्ट्रा से अनुबंध खत्म करने की नोटिस खारिज
बांबे हाई कोर्ट का एमएमआरडीए को झटका
मुंबई, 24 फरवरी (हि.सं.)। फ्रांसीसी इंजीनियरिंग कंपनी सिस्ट्रा के मामले में बांबे हाई कोर्ट ने मुंबई महानगर क्षेत्र प्राधिकरण (एमएमआरडीए) को झटका दिया है। एमएमआरडीए की उस नोटिस को कोर्ट ने खारिज कर दिया है, जिसमें उसने सिस्ट्रा के साथ अनुबंध को खत्म करने के लिए नोटिस दिया था। कोर्ट ने कहा कि बिना कोई कारण बताए अनुबंध को समाप्त करना मनमाना और अनुचित है।
फ्रांसीसी इंजीनियरिंग कंपनी सिस्ट्रा ने एमएमआरडीए के अधिकारियों पर रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. इस मामले में मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश आलोक अराधे और न्यायमूर्ति आरिफ एस डॉक्टर की पीठ में सुनवाई हुई। अदालत ने एमएमआरडीए को अनुबंध को खत्म करने के बारे में एक “नया निर्णय” लेने का निर्देश दिया और प्राधिकरण से उस कंपनी का पक्ष सुनने के बाद एक तर्कसंगत आदेश पारित करने के निर्देश दिए हैं। इधर एमएमआरडीए ने एक रिलीज जारी कर फ्रांसीसी कंपनी सिस्ट्रा द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज करते हुए उन्हें निराधार बताया है। यह उनकी प्रतिष्ठा को जानबूझकर डैमेज' करने का प्रयास है। एमएमआरडीए ने सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी जिसमें सिस्ट्रा के संविदात्मक और नियामक उल्लंघनों को रेखांकित किया गया है. इसमें 4.27% से 10% तक की लागत वृद्धि का भी जिक्र है।
इस मामले को लेकर विपक्ष आक्रामक हो गया है। कांग्रेस की सांसद वर्षा गायकवाड ने कहा कि महायुति सरकार में भ्रष्टाचार के रिकार्ड हर दिन खुल रहे हैं. एमएमआरडीए के खिलाफ ये आरोप बहुत गंभीर हैं। इस वजह से मुंबई की साख पर भी बट्टा लगा है। उन्होंने मांग की है कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भ्रष्टाचार के इस आरोप पर स्पष्टीकरण दें और एमएमआरडीए पर लगे आ
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हिन्दुस्थान समाचार / वी कुमार