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Prayagraj में बाढ़ का कहर: नवजात के साथ दंपत्ति की दर्दनाक तस्वीरें वायरल

प्रयागराज में बाढ़ के कारण एक दंपत्ति अपने नवजात शिशु के साथ सुरक्षित स्थान की तलाश में है। लगातार बारिश ने शहर में जल स्तर को बढ़ा दिया है, जिससे कई इलाके जलमग्न हो गए हैं। स्थानीय निवासियों को बाढ़ के कारण गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। जानें इस प्राकृतिक आपदा के प्रभाव और राहत कार्यों की स्थिति के बारे में।
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Prayagraj में बाढ़ का कहर: नवजात के साथ दंपत्ति की दर्दनाक तस्वीरें वायरल

Prayagraj Floods: एक दिल दहला देने वाला दृश्य

Prayagraj Floods: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से एक बेहद भावुक करने वाला वीडियो सामने आया है, जिसमें एक दंपत्ति अपने नवजात शिशु को सिर पर उठाए हुए बाढ़ के पानी में सुरक्षित स्थान की तलाश कर रहा है। लगातार हो रही बारिश के कारण इस पवित्र शहर में जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे स्थानीय निवासियों की जिंदगी पर गंभीर असर पड़ा है। छोटा बघाड़ा क्षेत्र में बाढ़ ने लोगों की हताशा और पीड़ा को स्पष्ट रूप से दर्शाया है। फुटेज में डूबे हुए घर, मंदिर और वाहन के साथ-साथ पानी में तैरते कचरे के ढेर भी नजर आ रहे हैं। इस आपदा के बीच लोग अपनी जान बचाने के लिए सुरक्षित स्थानों की ओर भागते हुए दिखाई दे रहे हैं। प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच चुका है, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई है।




जलमग्न इलाके

लगातार बारिश के कारण प्रयागराज के छोटा बघाड़ा क्षेत्र सहित कई अन्य स्थानों पर बाढ़ का पानी फैल गया है। गलियां जलमग्न हो चुकी हैं, और कई घर आंशिक या पूरी तरह से पानी में डूब गए हैं, जिससे लोगों की आवाजाही पूरी तरह से ठप हो गई है। स्थानीय निवासी फंसे हुए हैं और अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। बाढ़ का असर धार्मिक अनुष्ठानों पर भी पड़ा है। रसूलाबाद घाट पर अंतिम संस्कार सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी गई हैं क्योंकि घाट क्षेत्र भी पानी में डूब चुका है। इस कारण लोगों को अपने परिजनों के अंतिम संस्कार में भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।


अधिकारी आंकड़े के अनुसार नुकसान

उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसार, राज्य की 37 तहसीलों के 402 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। रविवार तक लगभग 84,392 लोग इस प्राकृतिक आपदा का शिकार बने हैं। प्रभावित जिलों में कानपुर नगर, लखीमपुर खीरी, आगरा, औरैया, चित्रकूट, बलिया, बांदा, गाजीपुर, मिर्जापुर, प्रयागराज, वाराणसी, चंदौली, जालौन, कानपुर देहात, हमीरपुर, इटावा और फतेहपुर प्रमुख हैं।


स्थानीय जनता की मुश्किलें और राहत कार्यों की स्थिति

बाढ़ के बढ़ते पानी से स्थानीय लोगों को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। घरों से निकलना खतरे से खाली नहीं है और बुनियादी जरूरतों की पूर्ति मुश्किल हो गई है। अधिकारियों ने राहत कार्यों को तेज किया है, लेकिन बारिश रुकने का कोई संकेत न होने से राहत की उम्मीद कम नजर आ रही है।