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'साझा मंच' से देहरादून को मिली नई दिशा, विकास की नई उड़ान की तैयारी 

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'साझा मंच' से देहरादून को मिली नई दिशा, विकास की नई उड़ान की तैयारी 






- सौंदर्य, सौहार्द और सुदृढ़ता का आदर्श उदाहरण बनेगा देहरादून

- नई पहल, विस्तृत संवाद से धरातल पर निखरेगी सतत् विकास की धारा

- शहर के हर क्षेत्र से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा, रखी समाधान की नींव

- समाज के विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधियों को एक मंच पर लाने का प्रयास

देहरादून, 30 नवंबर (हि.स.)। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में सर्वे चौक स्थित आईआरडीटी ऑडिटोरियम में शनिवार को कुछ अलग ही माहौल था। उत्तराखंड सरकार और जिला प्रशासन की ओर से आयोजित 'साझा मंच-डिस्ट्रिक्ट फोरम ऑफ दून, फॉर दून' में विकास के हर पहलू पर चर्चा हुई। सरकारी अधिकारियों, विशेषज्ञों और स्वयंसेवी संस्थाओं ने शहर के भविष्य को नई दिशा देने के लिए अपने विचार साझा किए।

यह पहला मौका था जब समाज के विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधियों को एक मंच पर लाने के साथ उनके अनुभवों और विचारों को साझा करने का अवसर प्रदान किया। कार्यशाला का उद्घाटन आयुक्त गढ़वाल मण्डल विनयंकर पांडैय, पद्मश्री कल्याण सिंह रावत, पद्मश्री प्रेमचन्द्र शर्मा, पद्मश्री माधुरी बड़थ्वाल, जिलाधिकारी सविन बंसल, मुख्य नगर आयुक्त गौरव कुमार और मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने दीप प्रज्वलन कर किया। यह कार्यशाला विभिन्न क्षेत्रों में सुधार लाने के लिए आयोजित की गई थी, जिसमें स्थानीय लोक कला, संस्कृति, जल संरक्षण, पर्यावरण, कृषि, रोजगार, शिक्षा, महिला कल्याण, कानून व्यवस्था और पर्यटन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। तीन घंटे तक चली इस गोष्ठी का उद्देश्य देहरादून को सौंदर्य, सौहार्द और सुदृढ़ता का आदर्श उदाहरण बनाना था। शहर के हर क्षेत्र से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए विशेषज्ञों और अधिकारियों ने मंच साझा किया।

एक मंच, अनगिनत संभावनाएं

इस कार्यक्रम ने हर विभाग को एक मंच पर लाकर यह साबित कर दिया कि साझा प्रयासों से बड़ी से बड़ी चुनौती को हल किया जा सकता है। देहरादून के विकास के लिए यह मंच एक मील का पत्थर साबित होगा। 'साझा मंच' केवल एक गोष्ठी नहीं, बल्कि देहरादून को बेहतर बनाने का एक ठोस कदम है। जैसा कि एक विशेषज्ञ ने कहा कि आज हमने केवल समस्याओं पर चर्चा नहीं की, बल्कि समाधान की नींव रखी है। इस आयोजन ने देहरादून को एक नई दिशा देने का भरोसा जगाया है। कार्यक्रम का संचालन जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास विभाग जितेंद्र कुमार ने किया।

एक स्थायी फोरम के रूप में पंजीकृत होगा साझा मंच

आयुक्त गढ़वाल मंडल विनयंकर पांडेय ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम जिनमें आमने-सामने संवाद होता है, बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। उन्होंने जिलाधिकारी को सुझाव दिया कि इस फोरम को एक स्थायी रूप से पंजीकृत ‘जिला एडवायजरी फोरम’ के रूप में स्थापित किया जाए, ताकि इससे जुड़ी योजनाओं और कार्यक्रमों को स्थानीय संस्कृति, भौगोलिक परिस्थिति और प्राकृतिक संसाधनों के अनुरूप बेहतर तरीके से लागू किया जा सके।

साझा मंच से राज्य और जनपद के लोगों को बेहतर सुविधाएं और अवसर

जिलाधिकारी सविन बंसल ने कार्यशाला के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस मंच का प्रमुख उद्देश्य समाज के सभी वर्गों विशेषकर समाजसेवी संगठनों और बुद्धिजीवियों से प्राप्त सुझावों को राज्य और जनपद के विकास की दिशा में काम में लाना है। उन्होंने कहा कि इन सुझावों के आधार पर योजनाओं की कार्ययोजना तैयार की जाएगी, जिससे राज्य और जनपद के लोगों को बेहतर सुविधाएं और अवसर मिल सके।

साझा मंच का उद्देश्य

मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने कहा कि इस गोष्ठी का उद्देश्य सतत विकास तथा कला एवं संस्कृति को बढावा देना व शिक्षा व्यवस्था, उद्योग, मूलभूत व्यवस्थाओं में सुधार करते हुए योजनाओं का लाभ धरातल पर पंहुचाना है। साथ ही स्थानीय लोगों के लिए स्वास्थ्य, रोजगार सहित तमाम पहलुओं पर संचालित योजनाओं को सुनियोजित तरीके से धरातल पर लाना है।

शहर की समस्याओं पर समाधान का नया दृष्टिकोण

कार्यशाला में प्रमुख रूप से नौ विषयों पर पैनल चर्चा आयोजित की गई, जिनमें प्रत्येक विषय पर विशेषज्ञों और पैनलिस्टों ने अपने विचार प्रस्तुत किए। कार्यक्रम की शुरुआत शिक्षा के मुद्दों से हुई। बच्चों की 100 प्रतिशत स्नातक उत्तीर्णता सुनिश्चित करने और ड्रॉपआउट बालिकाओं को फिर से शिक्षा से जोड़ने पर जोर दिया गया। मुख्य शिक्षाधिकारी विनोद कुमार ने कहा कि शिक्षा को केवल कक्षा तक सीमित नहीं रखना चाहिए, इसे रोजगार और व्यावसायिक कौशल से जोड़ना होगा। प्रधानाचार्य शैलेश श्रीवास्तव व अन्य विशेषज्ञों ने शिक्षा की गुणवत्ता, ड्रापआउट बालिकाओं को पुनः प्रवेश देने और बच्चों को व्यवसायों से जोड़ने के उपायों पर विस्तृत चर्चा की।

बालश्रम और भिक्षावृत्ति उन्मूलन के लिए प्रभावी योजना

बालश्रम और भिक्षावृत्ति उन्मूलन के क्षेत्र में जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट और श्रम विभाग के अधिकारियों ने बालश्रम और भिक्षावृत्ति के उन्मूलन के लिए प्रभावी योजनाओं पर चर्चा की।

जल संरक्षण पर रखे विचार

जल संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण के पैनल में पद्मश्री कल्याण सिंह रावत, पर्यावरणविद विनोद जुगलान व अन्य विशेषज्ञों ने जल संरक्षण, पर्यावरणीय सुरक्षा और स्थायी विकास पर विचार साझा किए।

महिलाओं के लिए रोजगार और पर्यटन को बढ़ावा

स्वरोजगार और रोजगार अवसर के क्षेत्र में महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र अंजली रावत ने स्वरोजगार और विशेष रूप से महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के उपायों पर चर्चा की। पर्यटन विकास के क्षेत्र में पर्यटन विकास अधिकारी सुशील नौटियाल और पर्यटन विशेषज्ञों ने राज्य के पर्यटन स्थलों के प्रचार-प्रसार व उन्हें पर्यटकों के लिए और सुलभ बनाने के लिए विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की।

सुरक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता

कानून व्यवस्था में सुधार को लेकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अजय सिंह व अन्य पुलिस अधिकारियों ने राज्य में कानून व्यवस्था सुधारने और यातायात व्यवस्था पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि राज्य बनने तक जनपद में 4500 वाहन थे जो अब बढ़कर नौ लाख हो गए हैं। जबकि हमारे संसाधन अभी सीमित ही है। स्वास्थ्य सेवाएं को लेकर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. संजय जैन, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. निधि रावत, डॉ. राजीव दीक्षित, मनोवैज्ञानिकि डॉ. अनुराधा, राष्ट्रीय तम्बाकू निंयत्रण अर्चना उनियाल, किरण थापा ने सरकारी अस्पतालों में सुविधाओं में सुधार, नशामुक्ति अभियान और आमजन को उचित स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के उपायों पर अपने विचार साझा किए।

समाज कल्याण की पहल, नगर की स्वच्छता और पर्यावरण पर फोकस

महिला और दिव्यांगजन कल्याण विभाग के पैनल में समाज कल्याण विभाग अधिकारी हेमलता पांडेय ने महिलाओं और दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए बेहतर देखभाल और उनके लिए कामकाजी अवसरों के मुद्दे पर चर्चा की। शहर की अव्यवस्थाएं और सुधार को लेकर नगर निगम के अधिकारियों ने नगर में जलभराव की समस्या, अतिक्रमण, प्रदूषण, पशु क्रूरता और कूड़ा निस्तारण जैसे मुद्दों पर कार्ययोजना तैयार करने के उपाय बताए।

हिन्दुस्थान समाचार / कमलेश्वर शरण