पंजाब के मेडिकल कॉलेजों के लिए 68.98 करोड़ का फंड जारी
मुख्यमंत्री का बड़ा कदम
चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने राज्य के प्रमुख मेडिकल कॉलेजों में मानक उपचार और मेडिकल परीक्षण की सुविधाएं बढ़ाने के लिए 68.98 करोड़ रुपये का फंड तुरंत जारी करने का निर्णय लिया है।
मेडिकल शिक्षा की समीक्षा बैठक
आज मेडिकल शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि इन कॉलेजों में सुविधाओं का विस्तार करना अत्यंत आवश्यक है, ताकि लोगों को बेहतर चिकित्सा और परीक्षण की सुविधाएं मिल सकें।
उन्होंने कहा कि इन कॉलेजों को अत्याधुनिक मशीनरी से लैस करना जरूरी है, जिससे मरीजों को बेहतर सेवाएं मिल सकें। मुख्यमंत्री ने मेडिकल शिक्षा विभाग को निर्देश दिया कि तुरंत 68.98 करोड़ रुपये जारी किए जाएं।
फंड का वितरण
मुख्यमंत्री ने बताया कि 26.53 करोड़ रुपये सरकारी मेडिकल कॉलेज अमृतसर, 28.51 करोड़ रुपये सरकारी मेडिकल कॉलेज पटियाला, 9.43 करोड़ रुपये डॉ. बी.आर. अंबेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, मोहाली और 4.51 करोड़ रुपये पी.जी.आई. सैटेलाइट सेंटर, फिरोजपुर के लिए दिए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि इन फंडों का उपयोग आधुनिक उपकरण खरीदने और कॉलेजों के विकास कार्यों के लिए किया जाएगा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि उनकी सरकार पंजाब को मेडिकल शिक्षा का केंद्र बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
किफायती इलाज पर जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेडिकल कॉलेजों में कार्य समयबद्ध और उचित तरीके से पूरा किया जाए, ताकि लोगों को किफायती दरों पर इलाज की सुविधाएं मिल सकें। उन्होंने बताया कि पंजाब ने हमेशा विश्व स्तरीय डॉक्टर तैयार किए हैं और आज भी बड़ी संख्या में विद्यार्थी मेडिकल शिक्षा ले रहे हैं।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि मानक शिक्षा देना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है, ताकि विद्यार्थियों को अधिक लाभ मिल सके।
स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेडिकल कॉलेजों का काया-कल्प करने का मुख्य उद्देश्य लोगों को मानक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि इन कॉलेजों में स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने से आम आदमी की भलाई होगी।
भगवंत सिंह मान ने दोहराया कि राज्य सरकार इस जनकल्याणकारी कार्य के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।
बैठक में उपस्थित अधिकारी
इस बैठक में मुख्य सचिव के.ए.पी. सिन्हा, अतिरिक्त मुख्य सचिव अलोक शेखर, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य कुमार राहुल, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव डॉ. रवि भगत और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
