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पंजाब को मिला राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार, मुख्यमंत्री ने जताई खुशी

पंजाब सरकार को राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार 2025 में मान्यता मिली है, जो मुख्यमंत्री भगवंत मान की नीतियों और जनहित में कार्य करने की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। इस पुरस्कार को PEDA ने राष्ट्रपति भवन में प्राप्त किया। मुख्यमंत्री ने इसे पंजाब की मेहनत का फल बताया और भविष्य में ऊर्जा क्षेत्र में और सुधारों की योजना बनाई है। पंजाब अब ऊर्जा के क्षेत्र में देश का रोल मॉडल बनने की दिशा में अग्रसर है।
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पंजाब को मिला राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार, मुख्यमंत्री ने जताई खुशी

पंजाब की ऊर्जा संरक्षण में ऐतिहासिक उपलब्धि


चंडीगढ: पंजाब सरकार की ऊर्जा संरक्षण और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में किए गए प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार 2025 समारोह में पंजाब एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (PEDA) को 'स्टेट परफॉर्मेंस अवार्ड - ग्रुप 3' से सम्मानित किया। यह पुरस्कार मुख्यमंत्री भगवंत मान की दूरदर्शिता और जनहित में कार्य करने की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। इस समारोह में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री और कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।


पंजाब के ऊर्जा मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि को पंजाब की जनता और मुख्यमंत्री भगवंत मान को समर्पित करते हुए कहा कि यह पुरस्कार आम आदमी सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का परिणाम है। उन्होंने बताया कि मान सरकार ने ऊर्जा क्षेत्र में पारदर्शिता लाने, बिजली चोरी रोकने और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। PEDA के महानिदेशक ने यह सम्मान राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में प्राप्त किया, जो पूरे राज्य के लिए गर्व का क्षण था।


मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस उपलब्धि पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि यह पुरस्कार पंजाब की मेहनतकश जनता और PEDA की टीम की मेहनत का फल है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का लक्ष्य पंजाब को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर और सतत विकास का मॉडल बनाना है। पिछले तीन वर्षों में सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स को तेजी से बढ़ावा दिया गया है और किसानों को सोलर पंप की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए विशेष योजनाएं शुरू की गई हैं। इसके अलावा, बिजली की गुणवत्ता सुधारने और लोड शेडिंग खत्म करने के लिए ठोस कदम उठाए गए हैं।


पंजाब में ऊर्जा संरक्षण और नवीकरणीय ऊर्जा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए PEDA ने कई अभियान चलाए हैं। इनमें स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी भवनों में एनर्जी ऑडिट, एलईडी बल्बों का वितरण, और सोलर रूफटॉप योजनाओं का विस्तार शामिल है। राज्य सरकार ने घरेलू उपभोक्ताओं को 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने के साथ-साथ औद्योगिक क्षेत्र में भी बिजली दरों को प्रतिस्पर्धी बनाने का काम किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि मान सरकार की नीतियों से पंजाब में निवेश का माहौल बेहतर हुआ है और रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं।


PEDA के अधिकारियों के अनुसार, पंजाब ने सौर ऊर्जा उत्पादन में पिछले तीन वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि की है। राज्य में हजारों मेगावाट की सोलर प्रोजेक्ट्स स्थापित की जा चुकी हैं और इसे और बढ़ाने की योजना है। किसानों को डीजल पंप की जगह सोलर पंप देने से न केवल उनकी लागत कम हुई है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान मिला है। इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति सुधारने के लिए ट्रांसफार्मर और वितरण प्रणाली को मजबूत किया गया है। यह सभी प्रयास मुख्यमंत्री के 'रंगला पंजाब' विजन का हिस्सा हैं।


राष्ट्रीय स्तर पर यह मान्यता पंजाब की छवि को नई ऊंचाई पर ले जाती है। अन्य राज्य अब पंजाब के ऊर्जा मॉडल को अपनाने की दिशा में सोच रहे हैं। केंद्र सरकार ने भी पंजाब के प्रयासों की सराहना की है और राज्य को आगे भी केंद्रीय योजनाओं में प्राथमिकता देने का आश्वासन दिया है। ऊर्जा विशेषज्ञों का कहना है कि यदि यही गति बनी रही, तो पंजाब जल्द ही भारत का पहला कार्बन न्यूट्रल राज्य बन सकता है। यह उपलब्धि न केवल राज्य के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणास्रोत है।


आम आदमी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इस पुरस्कार को ऐतिहासिक बताते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान को बधाई दी है। पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पुरस्कार साबित करता है कि ईमानदार और जनहित में काम करने वाली सरकारों को देर-सवेर मान्यता जरूर मिलती है। सोशल मीडिया पर भी पंजाब की जनता ने इस खबर का स्वागत किया है और मान सरकार की तारीफ करते हुए कहा है कि पहली बार उन्हें लग रहा है कि राज्य सही दिशा में आगे बढ़ रहा है।


पंजाब सरकार ने यह भी घोषणा की है कि आने वाले समय में ऊर्जा क्षेत्र में और बड़े सुधार किए जाएंगे। इसमें स्मार्ट मीटर की व्यवस्था, बिजली वितरण में डिजिटलीकरण, और ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर का विकास शामिल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका लक्ष्य है कि हर घर को 24 घंटे गुणवत्तापूर्ण बिजली मिले और बिजली बिलों में पारदर्शिता हो। इसके लिए सरकार ने विशेष बजट भी आवंटित किया है और विभिन्न विभागों के बीच समन्वय को मजबूत किया है। जनता को भी अपील की गई है कि वे ऊर्जा बचत के प्रति जागरूक रहें और सरकार की योजनाओं का लाभ उठाएं।


यह पुरस्कार पंजाब के लिए सिर्फ एक सम्मान नहीं, बल्कि भविष्य की दिशा तय करने वाला मील का पत्थर है। मान सरकार की प्रतिबद्धता और PEDA की मेहनत ने साबित कर दिया है कि सही नीतियों और ईमानदार प्रशासन से राज्य को नई ऊंचाइयों पर ले जाया जा सकता है। पंजाब अब ऊर्जा के क्षेत्र में देश का रोल मॉडल बनने की ओर अग्रसर है और यह सफर जारी रहेगा। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने संकल्प लिया है कि वे पंजाब को हर क्षेत्र में आगे ले जाएंगे और जनता की सेवा ही उनका सबसे बड़ा धर्म है।