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पंजाब में बच्चों की सुरक्षा के लिए जागरूकता अभियान का आगाज

पंजाब सरकार ने बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए एक जागरूकता अभियान शुरू किया है। इस पहल के तहत, स्कूलों में गुड टच-बैड टच, साइबर अपराध और नशे के खतरों के बारे में जानकारी दी जा रही है। अमृतसर में आयोजित सेमिनार में बच्चों को शारीरिक शोषण की पहचान और आपातकालीन हेल्पलाइन का उपयोग करने की ट्रेनिंग दी गई। यह अभियान पूरे पंजाब में चल रहा है और अभिभावकों के लिए विशेष वर्कशॉप भी आयोजित की जाएगी। शिक्षकों और अभिभावकों ने इस पहल की सराहना की है।
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पंजाब में बच्चों की सुरक्षा के लिए जागरूकता अभियान का आगाज

मुख्यमंत्री भगवंत मान का महत्वपूर्ण कदम


चंडीगढ़: पंजाब सरकार, जो मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में कार्यरत है, ने बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए एक महत्वपूर्ण पहल की है। पंजाब पुलिस की शक्ति हेल्पडेस्क अब पूरे राज्य के स्कूलों में जागरूकता शिविर आयोजित कर रही है, जहां बच्चों को गुड टच-बैड टच, बाल शोषण, साइबर अपराध और नशे के खतरों के बारे में सरल और संवेदनशील तरीके से जानकारी दी जा रही है।


अमृतसर में आयोजित सेमिनार

हाल ही में अमृतसर के सरकारी प्राथमिक स्कूल, कोट खालसा में एक सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसमें शक्ति टीम ने बच्चों को शारीरिक शोषण की पहचान, साइबर बुलिंग से बचने और आपातकालीन हेल्पलाइन 112 और 1098 पर कॉल करने की ट्रेनिंग दी। बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और सवाल पूछकर कार्यक्रम को और भी रोचक बना दिया।


राज्यव्यापी जागरूकता अभियान

यह अभियान केवल अमृतसर तक सीमित नहीं है, बल्कि खन्ना सहित पूरे पंजाब में चल रहा है। हजारों छात्रों को नशे के दुष्प्रभाव, ऑनलाइन ठगी, फेक न्यूज और सोशल मीडिया के सुरक्षित उपयोग के बारे में जानकारी दी जा रही है। स्कूल के प्रिंसिपल और शिक्षक इस मुहिम में पूरा सहयोग कर रहे हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आने वाले महीनों में हर स्कूल में ऐसे सत्र आयोजित किए जाएंगे।


अभिभावकों के लिए विशेष वर्कशॉप

अभिभावकों के लिए अलग वर्कशॉप की योजना बनाई गई है, ताकि वे अपने बच्चों से खुलकर संवाद कर सकें। साझा केंद्रों की सेवाओं और सरकारी हेल्पलाइन को भी रोचक तरीके से – गीत, नारे और खेल के माध्यम से – याद कराया जा रहा है।


शिक्षकों और अभिभावकों की प्रशंसा

शिक्षाविदों और समाजसेवियों ने इस पहल को क्रांतिकारी बताया है। एक वरिष्ठ शिक्षक ने कहा, “डिजिटल युग में बच्चे कई खतरों का सामना कर रहे हैं, इसलिए यह जागरूकता बेहद आवश्यक थी।” अभिभावकों का कहना है कि बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ा है और वे अब घर में खुलकर अपनी बात साझा करने लगे हैं।


शक्ति हेल्पडेस्क महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए बनाई गई है और अब जागरूकता के माध्यम से समाज में बड़ा बदलाव ला रही है। यह अभियान पंजाब को नशा मुक्त, सुरक्षित और जागरूक बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।