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पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान की नई कृषि पहल

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसानों के लिए कई नई योजनाएं शुरू की हैं, जो कृषि क्षेत्र में सुधार लाने का प्रयास कर रही हैं। 'अपना CM – अपने खेता विच' पहल के तहत, मुख्यमंत्री ने किसानों के साथ सीधा संवाद स्थापित किया है और उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित किया है। इस लेख में जानें कि कैसे ये योजनाएं किसानों की जिंदगी में बदलाव ला रही हैं और राज्य में कृषि को सशक्त बना रही हैं।
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पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान की नई कृषि पहल

मुख्यमंत्री भगवंत मान की कृषि सुधार योजनाएं


चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 'अपना CM – अपने खेता विच' के माध्यम से राज्य में शासन की एक नई परिभाषा स्थापित की है। यह केवल एक राजनीतिक नारा नहीं है, बल्कि एक वास्तविकता है, जहां मुख्यमंत्री खुद किसानों के खेतों में जाकर उनकी समस्याओं को सुनते हैं और त्वरित समाधान प्रदान करते हैं। पिछले 10 महीनों में, उन्होंने पंजाब के सभी 23 जिलों का दौरा किया है और 3,200 से अधिक किसानों के साथ सीधा संवाद किया है। इस पहल के तहत किसानों की शिकायतों का समाधान औसतन 48 घंटे में किया जा रहा है, जबकि पहले यह प्रक्रिया 20-30 दिनों तक चलती थी।


इस रबी सीजन 2025 में, पंजाब सरकार ने 142 लाख मीट्रिक टन गेहूं की सरकारी खरीद का लक्ष्य रखा है। राज्यभर में 4,500 खरीद केंद्र स्थापित किए गए हैं, जहां किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य ₹2,275 प्रति क्विंटल की गारंटी के साथ पारदर्शी खरीद प्रक्रिया का आश्वासन दिया जा रहा है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से, किसानों को फसल बेचने के 24-36 घंटे के भीतर भुगतान मिल रहा है, और इस सीजन में अब तक ₹11,400 करोड़ का भुगतान सीधे 7.8 लाख किसानों के बैंक खातों में किया गया है।


भूजल स्तर में गिरावट और जल संकट से निपटने के लिए, पंजाब सरकार ने ₹3,200 करोड़ का विशेष 'जल संरक्षण और सिंचाई आधुनिकीकरण पैकेज' लॉन्च किया है। पिछले 15 महीनों में 1,150 किलोमीटर नहरों की सफाई और मरम्मत का कार्य पूरा किया गया है। 'पानी बचाओ, पैसा कमाओ' योजना के तहत, माइक्रो-इरिगेशन सिस्टम अपनाने वाले किसानों को 90 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जा रही है। ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई से अब तक 28,500 किसान जुड़े हैं, जिससे 35-45 प्रतिशत पानी की बचत हो रही है।


कृषि क्षेत्र में बिजली आपूर्ति को प्राथमिकता देते हुए, सरकार ने 'हर खेत को रोशनी' अभियान शुरू किया है। वर्तमान में किसानों को दिन में 10-11 घंटे बिजली मिल रही है, जिसे दिसंबर 2025 तक 14-15 घंटे करने का लक्ष्य है। ₹1,650 करोड़ के निवेश से 4,200 नए ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं और 'बिजली' ऐप के माध्यम से औसतन 6 घंटे में शिकायतों का समाधान किया जा रहा है। राज्य सरकार किसानों को मुफ्त बिजली के लिए सालाना ₹8,200 करोड़ की सब्सिडी दे रही है।


'नवीन कृषि यंत्र योजना' के तहत, आधुनिक कृषि उपकरणों पर 50-75 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है। पिछले 20 महीनों में 46,000 किसानों को ₹820 करोड़ की सब्सिडी मिली है। पराली प्रबंधन के लिए 8,500 मशीनें वितरित की गई हैं, जिससे पराली जलाने में 68 प्रतिशत की कमी आई है। छोटे किसानों के लिए 420 'कस्टम हायरिंग सेंटर' खोले गए हैं, जहां किराए पर उपकरण उपलब्ध हैं।


फसल बीमा योजना के तहत, इस वर्ष आपदा प्रभावित 58,000 किसानों को ₹285 करोड़ की राशि 10 दिनों में दी गई। फसल क्षति के आकलन के लिए AI-ड्रोन और सैटेलाइट तकनीक का उपयोग शुरू किया गया है। 'पंजाब किसान समृद्धि योजना' के तहत किसान क्रेडिट कार्ड पर 0-2 प्रतिशत ब्याज पर ₹5 लाख तक का ऋण मिल रहा है। अब तक 3.1 लाख नए KCC जारी किए गए हैं और छोटे किसानों का ₹2,100 करोड़ का कर्ज माफ किया गया है।


'पंजाब किसान पोर्टल' और 'किसान सुविधा ऐप' पर 4.2 लाख किसान रजिस्टर्ड हैं, जो मिट्टी परीक्षण, फसल सलाह, मंडी भाव और सब्सिडी की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। टोल-फ्री हेल्पलाइन पर 5.2 लाख कॉल आई हैं और 94 प्रतिशत समस्याओं का समाधान किया गया है। जिला स्तर पर 184 'एकीकृत किसान सेवा केंद्र' खोले गए हैं, जो वन-स्टॉप सॉल्यूशन प्रदान करते हैं।


मुख्यमंत्री की यह अनूठी पहल पंजाब में शासन की नई परिभाषा गढ़ रही है। पिछले कई महीनों से, मुख्यमंत्री 4-5 गांवों में जाकर किसानों के साथ चाय पीते हैं, खेतों में जाकर समस्याएं सुनते हैं और अधिकारियों को तुरंत निर्देश देते हैं। 48 घंटे के भीतर एक्शन रिपोर्ट मांगी जाती है। यह औपचारिक दौरे नहीं हैं, बल्कि किसानों की वास्तविक समस्याओं को समझने और तुरंत समाधान देने की प्रतिबद्धता है। पंजाब का किसान अब आत्मविश्वास से कहता है – 'साडा मुख्यमंत्री साडे नाल खड़ा ऐ'। यह पहल साबित करती है कि जब सरकार किसानों को प्राथमिकता देती है और उनकी समस्याओं के प्रति संवेदनशील होती है, तो कृषि क्षेत्र में सच्चा परिवर्तन संभव है।