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पंजाब सरकार का ऐतिहासिक निर्णय: गुरु तेग बहादुर जी का 350वां शहीदी पर्व

पंजाब की भगवंत मान सरकार ने गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी पर्व को मनाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। यह आयोजन न केवल धार्मिक है, बल्कि यह धर्मनिरपेक्षता और मानवता के प्रति सम्मान का प्रतीक भी है। सभी धर्मों को समान महत्व देकर इस पर्व का आयोजन किया जाएगा, जिसमें सर्व धर्म सम्मेलन, नगर कीर्तन, और भव्य संगत शामिल हैं। सरकार ने इस अवसर पर विशेष सुविधाएं प्रदान की हैं, जिससे यह आयोजन सभी के लिए सुलभ हो सके। यह पहल आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगी।
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पंजाब सरकार का ऐतिहासिक निर्णय: गुरु तेग बहादुर जी का 350वां शहीदी पर्व

गुरु तेग बहादुर जी के शहीदी पर्व का ऐतिहासिक आयोजन


चंडीगढ़: पंजाब की भगवंत मान सरकार ने गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी पर्व को राज्य स्तर पर मनाने का एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। यह आयोजन केवल धार्मिक नहीं है, बल्कि यह सरकार के धर्मनिरपेक्ष दृष्टिकोण और मानवता के प्रति सम्मान का प्रतीक भी है।


यह पहली बार है जब सभी धर्मों - सिख, हिंदू, मुस्लिम, और ईसाई - को समान महत्व देकर त्योहारों और धार्मिक स्थलों का भव्य आयोजन किया जा रहा है। यह कदम दर्शाता है कि मान सरकार धर्म के नाम पर राजनीति नहीं करती, बल्कि सभी धर्मों और संस्कृतियों को समान सम्मान देती है।


धर्मनिरपेक्षता का नया मानक

मान सरकार ने सत्ता में आते ही यह सिद्ध कर दिया है कि धर्मनिरपेक्षता केवल एक नारा नहीं, बल्कि एक व्यवहार है। पूर्व की सरकारों ने धर्म के नाम पर वोट बैंक की राजनीति की, जबकि इस सरकार ने सभी धर्मों के त्योहारों और धार्मिक स्थलों को समान महत्व देकर एक नया मानक स्थापित किया है। यह स्पष्ट करता है कि पंजाब में धर्मनिरपेक्षता केवल संविधान में नहीं, बल्कि सरकारी कार्यों में भी व्याप्त है। यह पहल आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगी।


350वां शहीदी पर्व: एक महत्वपूर्ण संदेश

गुरु तेग बहादुर जी ने धर्म की स्वतंत्रता और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। कश्मीरी पंडितों की रक्षा के लिए उन्होंने अपना शीश कुर्बान किया। उनका बलिदान केवल सिखों के लिए नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए था। पंजाब सरकार इस संदेश को आज की पीढ़ी तक पहुँचाने के लिए अभूतपूर्व आयोजनों की योजना बना रही है, जिसमें धार्मिक सद्भाव, सामाजिक एकता और मानवता का संकल्प प्रमुख रहेगा।


सर्व धर्म सम्मेलन: भाईचारे का प्रतीक

इस अवसर पर सर्व धर्म सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा, जिसमें देश-विदेश के धर्मगुरु, विद्वान और प्रतिनिधि शामिल होंगे। यह सम्मेलन गुरु जी के संदेश को पुनर्जीवित करेगा कि हर इंसान को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है। केवल चर्चा नहीं, बल्कि ठोस संकल्प और सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यह स्पष्ट करता है कि पंजाब सरकार किसी एक धर्म की नहीं, बल्कि पूरी मानवता की सरकार है।


अनंदपुर साहिब में भव्य संगत

अनंदपुर साहिब में लाखों श्रद्धालुओं के लिए विशाल संगत का आयोजन किया जाएगा। देश-विदेश से आए श्रद्धालु गुरु जी की शिक्षाओं का पाठ करेंगे, कीर्तन सुनेंगे और उनके बलिदान को नमन करेंगे। सरकार ने मुफ्त भोजन, चिकित्सा, सुरक्षा और आवागमन की विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं। यह आयोजन दर्शाता है कि लोगों की श्रद्धा और आस्था का सम्मान करना सरकार का प्राथमिक कर्तव्य है।


नगर कीर्तन: आस्था का उत्सव

पूरे पंजाब में नगर कीर्तन का आयोजन किया जाएगा। अमृतसर से लेकर लुधियाना तक हर शहर और गांव में गुरु जी की जयंती मनाई जाएगी। पंचायतों को अनुदान देकर गांव-गांव में भव्य आयोजन सुनिश्चित किया जाएगा। यह पहली बार है जब किसी सरकार ने धार्मिक आयोजनों को बिना राजनीतिक स्वार्थ के इतनी बड़ी संख्या में समर्थन दिया है। इस पहल से धर्म के नाम पर राजनीति नहीं, बल्कि आस्था का सम्मान सामने आता है।


तकनीक और परंपरा का संगम

अनंदपुर साहिब में भव्य ड्रोन और लेजर लाइट शो का आयोजन किया जाएगा। हजारों ड्रोन आसमान में गुरु तेग बहादुर जी की छवि और बलिदान की कहानी प्रस्तुत करेंगे। यह प्रदर्शन दृश्य रूप से मनमोहक होगा और युवा पीढ़ी को इतिहास और धर्म के मूल्यों से जोड़ने का माध्यम बनेगा। सरकार चाहती है कि युवा गुरु जी के संदेश को समझें और अपने जीवन में उतारें।


पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र

इतिहास में पहली बार, पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र धार्मिक स्थल पर आयोजित किया जाएगा। इसमें गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान, उनके सिद्धांत और आधुनिक समाज में उनकी प्रासंगिकता पर चर्चा होगी। सभी दल मिलकर गुरु जी के आदर्शों को राज्य की नीतियों में शामिल करने का संकल्प करेंगे। स्कूल और कॉलेजों में शैक्षिक कार्यक्रमों के माध्यम से बच्चों में गुरु जी के प्रति श्रद्धा और समझ विकसित की जाएगी।


जनता का आह्वान

पंजाब सरकार ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे इस ऐतिहासिक अवसर पर बढ़-चढ़कर हिस्सा लें। यह केवल सिखों का उत्सव नहीं, बल्कि मानवता का उत्सव है। गुरु तेग बहादुर जी ने सिखाया था: “सभी मनुष्य एक समान हैं।” पंजाब सरकार इस सिद्धांत को जी रही है। यह सरकार धर्म के नाम पर राजनीति नहीं करती, हर धर्म और संस्कृति को समान सम्मान देती है और पंजाब को समानता, सद्भाव और विकास का नया भविष्य दे रही है।