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अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम के स्थापना दिवस पर असम राजभवन का भव्य समारोह

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अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम के स्थापना दिवस पर असम राजभवन का भव्य समारोह


गुवाहाटी, 23 फरवरी (हि.स.)। असम राजभवन द्वारा आज अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम कृष्णकांत हैंडिक स्टेट ओपन यूनिवर्सिटी सभागार में आयोजित हुआ, जिसकी राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने अध्यक्षता की।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल आचार्य ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विभिन्न राज्यों के स्थापना दिवसों का उत्सव ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ पहल का महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने इस ऐतिहासिक पहल को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का प्रमाण बताया और कहा कि यह विभिन्न राज्यों के बीच आपसी सहयोग, सौहार्द्र और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने का आधार है। उन्होंने कहा कि राज्यों के स्थापना दिवस का उत्सव नागरिकों को अन्य राज्यों की विविध परंपराओं, भाषाओं, लोक कलाओं, विरासत और ऐतिहासिक योगदान को समझने का अवसर प्रदान करता है, जिससे संवाद और सहयोग को बल मिलता है।

राज्यपाल ने कहा कि भारत ‘विविधता में एकता’ का जीवंत उदाहरण है। प्रत्येक राज्य की अपनी विशिष्ट पहचान, भाषा, कला, संस्कृति और परंपराएं हैं और यही विविधता भारत की सबसे बड़ी ताकत है। उन्होंने कहा कि ‘विविधता में एकता’ भारत की पहचान है और यही उसे विश्व में विशिष्ट बनाती है।

उन्होंने आगे कहा कि यह आयोजन हमें यह स्मरण कराता है कि देश के नागरिक चाहे किसी भी राज्य के हों, वे सभी एक राष्ट्र का अभिन्न अंग हैं। एक-दूसरे की संस्कृति को समझना, सराहना करना और सम्मान देना ही भारत की शक्ति का आधार है।

अरुणाचल प्रदेश के बारे में चर्चा करते हुए राज्यपाल ने इसकी सामरिक महत्ता को रेखांकित किया। उन्होंने इस राज्य की भौगोलिक विशेषताओं और देश की सीमाओं की रक्षा में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की। सेना, अर्धसैनिक बलों और स्थानीय नागरिकों की निष्ठा और देशभक्ति को उन्होंने प्रेरणास्रोत बताया।

मिजोरम के संदर्भ में राज्यपाल ने वहां की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर, संगीत, नृत्य और सामाजिक सौहार्द्र की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि मिजो समाज ने परंपरागत मूल्यों और आधुनिकता के बीच एक संतुलन स्थापित किया है। राज्यपाल ने मिजोरम की हरी-भरी पहाड़ियों, नदियों, जलप्रपातों और वन संपदा की सराहना करते हुए कहा कि मिजोरम पर्यावरण संरक्षण और वन्यजीव सुरक्षा में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

इस भव्य समारोह में असम विधानसभा अध्यक्ष बिस्वजीत दैमारी, गुवाहाटी उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति माइकल ज़ोथानखुमा, संयुक्त सचिव बिदित दास, केकेएचएस ओपन यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. राजेंद्र प्रसाद दास, अरुणाचल प्रदेश सरकार के अतिरिक्त रेजिडेंट कमिश्नर डॉ. दिलीप कुमार चुटिया, न्यीशी एलीट सोसाइटी के उपाध्यक्ष इंजीनियर टोको ओनुजा सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। इन सभी ने अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम की सांस्कृतिक विरासत और विशिष्ट पहचान का सम्मान किया।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश