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धर्मेंद्र की यादें: जयपुर में बॉलीवुड का जादू

धर्मेंद्र के निधन ने लाखों प्रशंसकों को दुखी किया है, लेकिन जयपुर में उनकी यादें आज भी जीवित हैं। 1970 और 80 के दशक में, उनकी कई प्रसिद्ध फिल्में यहाँ शूट हुईं, जिसने जयपुर को बॉलीवुड का एक महत्वपूर्ण स्थल बना दिया। उनकी शादी का रिसेप्शन, 'एलान-ए-जंग' के सेट की कहानी और राजनीति में उनका योगदान, सभी इस महान अभिनेता की विरासत को दर्शाते हैं। जानें उनके जीवन के इन महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में।
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धर्मेंद्र की यादें: जयपुर में बॉलीवुड का जादू

धर्मेंद्र का निधन और जयपुर की यादें


मुंबई: हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के प्रसिद्ध अभिनेता धर्मेंद्र का निधन हो गया है, जिससे उनके लाखों प्रशंसकों में शोक की लहर दौड़ गई है। हालांकि, जयपुर में उनकी यादें आज भी जीवित हैं। 1970 और 80 के दशक में, उनकी कई सफल फिल्में राजस्थान की राजधानी में फिल्माई गईं, जिसने जयपुर को बॉलीवुड के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया। धर्मेंद्र की प्रमुख फिल्मों जैसे 'मेरा गांव मेरा देश', 'बंटवारा', 'बगावत', 'एलान-ए-जंग', 'जुल्म-ओ-सितम' और 'रजिया सुल्तान' की शूटिंग जयपुर में हुई थी।


जयपुर का फिल्मिंग डेस्टिनेशन बनना

इन फिल्मों ने न केवल धर्मेंद्र को लोकप्रियता दिलाई, बल्कि जयपुर को एक प्रमुख फिल्मांकन स्थल भी बना दिया, जहाँ इसकी शाही सुंदरता और बॉलीवुड का जादू एक साथ मिला। एक विशेष घटना 1980 में हुई, जब धर्मेंद्र ने अभिनेत्री हेमा मालिनी से शादी की।


फार्महाउस पर रिसेप्शन

एक यात्रा संचालक सुरेंद्र कालरा ने बताया कि इस जोड़े ने जयपुर के अजमेर रोड पर अपने मित्र विजय पूनिया के फार्महाउस पर करीबी दोस्तों के लिए एक छोटा रिसेप्शन आयोजित किया था। यह आयोजन मीडिया में चर्चा का विषय बन गया, जहाँ पत्रकार नए दूल्हा-दुल्हन को देखने और बधाई देने के लिए फार्महाउस के बाहर इकट्ठा हुए। हेमा मालिनी भी इस अवसर पर उपस्थित थीं, जिससे यह जयपुर के सामाजिक जीवन का एक यादगार पल बन गया।


फिल्म 'एलान-ए-जंग' का दिलचस्प किस्सा

फिल्म 'एलान-ए-जंग' के सेट से जुड़ा एक मजेदार किस्सा भी है। निर्देशक अनिल शर्मा ने शुरू में युद्ध फिल्म के लिए डमी गन का उपयोग किया, लेकिन धर्मेंद्र ने अपने सीन की शूटिंग तब तक नहीं की जब तक उन्हें असली पिस्टल नहीं मिल गई। अंततः, फिल्म की टीम ने एक असली बंदूक का इंतजाम किया और धर्मेंद्र ने शूटिंग के दौरान सेट पर उसकी देखरेख की। इस दौरान उनकी वास्तविकता और काम के प्रति समर्पण स्पष्ट था।


राजस्थानी फिल्म में धर्मेंद्र का योगदान

धर्मेंद्र का अपने दोस्तों के प्रति सम्मान और विनम्रता भी उल्लेखनीय थी। फिल्म लेखक संतोष निर्मल ने बताया कि वह हमेशा अपने दोस्तों की फिल्मों में छोटे-छोटे रोल करने के लिए तैयार रहते थे। उन्होंने कई पंजाबी फिल्मों में काम किया और एक राजस्थानी फिल्म में विशेष भूमिका भी निभाई। उस फिल्म का निर्माण पूर्व सांसद प्रभा ठाकुर ने किया था, जिन्होंने धर्मेंद्र को गेस्ट रोल का प्रस्ताव दिया था। हालांकि, वह अपने व्यस्त कार्यक्रम के कारण जयपुर नहीं आ सके, लेकिन उन्होंने सुझाव दिया कि उनके सीन मुंबई में शूट किए जाएं।


धर्मेंद्र का राजनीतिक सफर

धर्मेंद्र केवल एक अभिनेता नहीं थे, बल्कि वह 14वीं लोकसभा के सदस्य भी रहे और राजस्थान की बीकानेर सीट से सांसद बने। एक सांसद के रूप में, जब राजस्थान विश्वविद्यालय में कॉलेज फीस बढ़ाई गई थी, तो उन्होंने हस्तक्षेप किया और राज्य के गवर्नर से बात करके छात्रों की फीस कम करवाने में सफल रहे। इस कार्य ने उन्हें जयपुर के युवाओं और उनके परिवारों के बीच लोकप्रिय बना दिया। वर्षों में, उनकी छवि शहर में और भी मजबूत हुई क्योंकि उन्होंने लोगों के हित में कई कार्य किए।