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बाड़मेर में छात्र प्रदर्शन: टीना डाबी को 'रील स्टार' कहने पर विवाद

राजस्थान के बाड़मेर में एक छात्र विरोध प्रदर्शन के दौरान IAS टीना डाबी को 'रील स्टार' कहने पर विवाद उत्पन्न हुआ। छात्र कॉलेज फीस में वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे, जब पुलिस ने दो छात्र नेताओं को हिरासत में लिया। इस घटना ने छात्रों के बीच आक्रोश पैदा किया और उन्होंने धरना दिया। टीना डाबी ने कहा कि मामला गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। छात्रों ने प्रशासन के विकास के दावों पर भी सवाल उठाए। जानें इस विवाद की पूरी कहानी और इसके पीछे की सच्चाई।
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बाड़मेर में छात्र प्रदर्शन: टीना डाबी को 'रील स्टार' कहने पर विवाद

बाड़मेर में विवादास्पद छात्र प्रदर्शन


बाड़मेर: राजस्थान के बाड़मेर जिले में एक छात्र विरोध प्रदर्शन के दौरान जिला कलेक्टर IAS टीना डाबी को 'रील स्टार' कहने के बाद विवाद उत्पन्न हो गया है। यह घटना मुल्तानमल भीखचंद छाजेड़ महिला कॉलेज के बाहर हुई, जहां छात्र कॉलेज की फीस में वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़े दो छात्र नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया, जिसके बाद महिला छात्रों ने तीव्र प्रतिक्रिया व्यक्त की।


छात्रों की गिरफ्तारी का कारण

रिपोर्टों के अनुसार, कॉलेज की छात्राएं फीस वृद्धि के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रही थीं। ABVP के छात्र नेता भी इस प्रदर्शन में शामिल हुए। जब नारेबाजी की जा रही थी, तब जिला कलेक्टर टीना डाबी का नाम लेते हुए 'रील स्टार' शब्द का प्रयोग किया गया। कुछ समय बाद, पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दो छात्र नेताओं को हिरासत में ले लिया। जैसे ही यह खबर फैली, कॉलेज के छात्रों में आक्रोश बढ़ गया।


छात्रों का धरना

छात्रों को पुलिस स्टेशन ले जाने के बाद, बड़ी संख्या में छात्राएं कोतवाली पुलिस स्टेशन पहुंचीं और वहां धरने पर बैठ गईं। छात्रों का कहना था कि उनकी गिरफ्तारी कानून-व्यवस्था के मुद्दों के कारण नहीं, बल्कि इसलिए की गई क्योंकि उन्होंने जिला कलेक्टर के लिए 'रील स्टार' शब्द का इस्तेमाल किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि इस टिप्पणी को गलत तरीके से अपमानजनक बताया गया।


छात्र प्रदर्शनकारी का स्पष्टीकरण

छात्र प्रदर्शनकारी हीना खत्री ने कहा कि कलेक्टर को 'रील स्टार' कहने का उद्देश्य उनका अपमान करना नहीं था। उन्होंने बताया कि टीना डाबी अक्सर सफाई अभियानों और आधिकारिक कार्यक्रमों में नजर आती हैं, जहां वीडियो रिकॉर्ड किए जाते हैं। उन्होंने सवाल किया, "अगर हमने कहा कि वह एक रील स्टार हैं, तो इसमें क्या गलत है?" और कहा कि किसी भी अधिकारी का अपमान करने का कोई इरादा नहीं था।


विकास के दावों पर सवाल

छात्रों ने 'नवो बाड़मेर' नारे के तहत प्रशासन के विकास के दावों पर भी सवाल उठाए। उनका कहना था कि जहां विकास की बातें की जाती हैं, वहीं उनके कॉलेज के पास की वास्तविकता अलग है। उनके अनुसार, कॉलेज के पास मुख्य सड़क पर अक्सर कचरा पड़ा रहता है, और यह टिप्पणी ऐसी समस्याओं को उजागर करने के लिए की गई थी, न कि किसी का अपमान करने के लिए।


टीना डाबी को रोल मॉडल मानते हैं छात्र

छात्रों ने आगे कहा कि यह विवाद रोल मॉडल के बारे में चर्चा से जुड़ा था। उन्होंने बताया कि एक शिक्षक ने कहा था कि टीना डाबी छात्रों के लिए रोल मॉडल हैं, जिसके बाद एक छात्र नेता ने ऐतिहासिक महिला हस्तियों के बारे में बात की। छात्रों का आरोप है कि इस चर्चा को गलत तरीके से विरोध प्रदर्शन से जोड़ा गया और पुलिस कार्रवाई को सही ठहराने के लिए इस्तेमाल किया गया।


छात्रों की रिहाई की मांग

छात्रों ने हिरासत में लेने के समय पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि जब विरोध प्रदर्शन चल रहा था, तब कोई कार्रवाई नहीं की गई। पुलिस ने प्रदर्शन खत्म होने के बाद ही छात्र नेताओं को हिरासत में लिया, जिससे इस कदम के पीछे की मंशा पर संदेह उत्पन्न हुआ। छात्रों ने स्पष्ट किया कि जब तक हिरासत में लिए गए नेताओं को रिहा नहीं किया जाता, तब तक वे अपना धरना जारी रखेंगे।


टीना डाबी का बयान

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, टीना डाबी ने कहा कि मामले को गलत तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसी भी टिप्पणी से जुड़ा कोई विवाद नहीं था और स्पष्ट किया कि विरोध प्रदर्शन के दौरान अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार किया गया था। उन्होंने कहा कि पुलिस कार्रवाई केवल कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए की गई थी। उन्होंने यह भी बताया कि कोई मामला दर्ज नहीं किया गया और दोनों छात्र नेताओं को बाद में रिहा कर दिया गया।


पुलिस सूत्रों ने बताया कि छात्रों को एहतियाती कदम के तौर पर हिरासत में लिया गया था और स्थिति सामान्य होने के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया। उनकी रिहाई के बाद, पुलिस स्टेशन पर विरोध प्रदर्शन समाप्त हो गया। हालांकि, फीस वृद्धि का मुद्दा अभी भी अनसुलझा है। इस घटना ने सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, अधिकारियों के प्रति सम्मान और छात्रों के अधिकारों पर एक बड़ी बहस छेड़ दी है। फिलहाल, बाड़मेर में स्थिति शांत है, लेकिन घटना को लेकर चर्चा जारी है।