राजस्थान में शिक्षक की आत्महत्या: एसआईआर प्रक्रिया का बढ़ता दबाव
जयपुर में एक शिक्षक की दुखद घटना
जयपुर: राजस्थान के जयपुर स्थित बिंदायका क्षेत्र में मतदाता सूची की एसआईआर प्रक्रिया के बढ़ते दबाव के चलते एक शिक्षक ने आत्महत्या कर ली। 45 वर्षीय मुकेश जांगिड़, जो एक सरकारी स्कूल में शिक्षक और बीएलओ का कार्य कर रहे थे, ने ट्रेन के आगे कूदकर अपनी जान दे दी। इस घटना ने शिक्षा विभाग और चुनावी प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पुलिस की जांच और सुसाइड नोट
पुलिस के अनुसार, मुकेश जांगिड़ राजकीय प्राथमिक विद्यालय नाहरी का बास में कार्यरत थे और एसआईआर प्रक्रिया के दौरान बीएलओ का अतिरिक्त कार्य भी कर रहे थे। रविवार सुबह लगभग साढ़े चार बजे, उन्होंने बिंदायका फाटक के पास ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली। पुलिस को मौके पर एक सुसाइड नोट मिला, जिसने मामले को और गंभीर बना दिया।
सुसाइड नोट में क्या लिखा था?
सुसाइड नोट में मुकेश ने उल्लेख किया कि एसआईआर योजना के कारण वह मानसिक दबाव में थे। उनके सुपरवाइजर सीताराम उन्हें लगातार फोन कर दबाव डालते थे और सस्पेंड करने की धमकी देते थे। उन्होंने लिखा कि वह मानसिक रूप से टूट चुके हैं और इस दबाव को सहन नहीं कर पा रहे हैं।
परिवार और शिक्षक संघ की प्रतिक्रिया
मुकेश के भाई गजानंद ने बताया कि वह कई दिनों से तनाव में थे और रात में एक साथी उनके घर आकर फॉर्म भरने में मदद कर रहा था। इस घटना के बाद, राजस्थान प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षक संघ ने इसे गंभीरता से लिया है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा ने कहा कि एसआईआर प्रक्रिया में अधिकारियों द्वारा फील्ड कर्मचारियों पर अनावश्यक दबाव डाला जा रहा है।
शिक्षक संघ की मांग
शिक्षक संघ ने इस घटना को सिस्टम की खामी बताया है और कहा कि बीएलओ पर बढ़ते दबाव का यह परिणाम है। उन्होंने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपने की योजना बनाई है ताकि बीएलओ के कार्य पर अनावश्यक दबाव को कम किया जा सके।
पुलिस की कार्रवाई
संघ ने यह भी चिंता जताई कि अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं शुरू हो चुकी हैं और शिक्षकों की कमी से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो सकती है। पुलिस ने मुकेश का सुसाइड नोट जब्त कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। परिवार के बयान, सुपरवाइजर की भूमिका और कार्यदबाव से जुड़े सभी पहलुओं की जांच की जा रही है।
