छत्तीसगढ़ के रामायण : मुख्यमंंत्री जी, आप कुछ भी हो सकते हैं, लेकिन भगवान नहीं : पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश
रायपुर, 11 जनवरी (हि.स.)। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश ने शनिवार काे ट्वीट कर सोशल मीडिया में वायरल वीडियो छत्तीसगढ़ के रामायण पर तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी आप कुछ भी हो सकते हैं, लेकिन भगवान नहीं। उल्लेखनीय है कि शुक्रवार से एक वीडियो छत्तीसगढ़ के रामायण के नाम से वायरल हो रहा है। इस रामायण में जहां छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को भगवान राम बताया गया है, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को रावण बताया गया है।
वहीं इस वीडियो के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री साय के पीआर टीम को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। प्रोफेशनल तरीके से बनाए गए इस वीडियो में भाजपा और कांग्रेस के नेताओं के साथ सौम्या चौरसिया जैसी पूर्व अधिकारी को भी पात्रों से तुलना किया गया है। इसमें जहां भाजपा को रामायण के राम-लक्ष्मण जैसे सकारात्मक पात्रों के तौर पर तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस नेताओं को नकारात्मक पात्रों के तौर पर दर्शाया गया है।
वीडियो में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को राम, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को रावण, डिप्टी सीएम अरुण साव को लक्ष्मण, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव को भरत, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह को शत्रुघ्न, उप मुख्यमंत्री और गृह मंत्री विजय शर्मा को हनुमान, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी को दशरथ, राम विचार नेताम को सुग्रीव बताया गया है।
वहीं दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को रावण, पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव को विभीषण, कोरबा सांसद ज्योत्सना महंत को ताड़का, सारंगढ़ विधायक उत्तरी जांगड़े को मंथरा, कसडोल की पूर्व विधायक शकुंतला साहू को सूर्पणखा बताया गया है। इसके अलावा पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को मारिच, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज को कुंभकरण और पूर्व महापौर एजाज ढेबर को लवणासुर बताया गया है। पूर्व अधिकारी सौम्या चौरसिया को कैकई बताया गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने तंज कसते हुए कहा कि विष्णुदेव साय ने अपनी पीआर टीम के माध्यम से स्वयं को “प्रभु राम” घोषित कर दिया है। इतना ही नहीं प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं और महिला नेताओं को राक्षस प्रदर्शित किया है। मुख्यमंत्री जी! आप कुछ भी हो सकते हैं आप भगवान नहीं हो सकते हैं। हमारे भांचा राम से अपनी तुलना करके आप छत्तीसगढ़ के लोगों की भावनाएँ आहत कर रहे हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / चन्द्र नारायण शुक्ल