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काशी में महाशिवरात्रि के दूसरे दिन निकलेगी शिवबारात, महाकुम्भ के पलट प्रवाह को देख निर्णय

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—लालकुटी की शिवबारात महाभीड़ को देखते हुए दशाश्वमेध नही जाएंगी

-तिलभांडेश्वर की शिव बारात परम्परानुसार निकलेगी

वाराणसी, 24 फरवरी (हि.स.)। काशीपुराधिपति की नगरी में पहली बार महाशिवरात्रि पर निकलने वाली परम्परागत शिवबारात दूसरे दिन 27 फरवरी को निकलेगी। प्रयागराज महाकुम्भ से काशी में लाखों श्रद्धालुओं के लगातार आगमन को देख सुरक्षा कारणों से यह निर्णय शिवबारात निकालने वाली समितियों ने लिया है।

दारानगर से निकलने वाली शिवबारात के समिति अध्यक्ष गौरव अग्रवाल, संयोजक दिलीप सिंह, महेश चंद माहेश्वरी ने बताया कि शिवबारात का इस वर्ष 43वां साल है। इस बार प्रयागराज महाकुम्भ से आए त्रिवेणी के जल को शिवबारात में शामिल बारातियों पर छिड़का जायेगा। शिवबरात की थीम भी महाकुम्भ है। बारात सांयकाल 7 बजे महामृत्युंजय मंदिर, दारानगर से उठकर मैदागिन, बुलानाला, चौक, बाबा धाम गोदौलिया होते हुए चितरंजन पार्क तक जाएगी। वहाँ वधू-पक्ष भांग ठंडई, माला-फूल से बारातियों की अगवानी करेगा।

पदाधिकारियों के अनुसार काशी में बाबा विश्वनाथ के इस बारात की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता हे कि अब बनारस के आस-पास के इलाके में ही नहीं भूटान, मॉरीशस में भी शिव-बारात निकलने लगी है। काशी के इस प्रसिद्ध शिव-बारात में शामिल होने के लिए देश के कोने-कोने से ही नहीं सात समुंदर पार से विदेशी भी बाराती बनने आते हैं। इस बारात की खासियत यह है कि इसमें प्रतिवर्ष देश के दो सर्वाधिक चर्चित मुद्दों को झांकी के जरिए प्रदर्शित किया जाता है। जिसके चलते ही इस शिव-बारात को विशिष्ट स्थान प्राप्त है। इन्हीं कारणों से इस शिव-बारात का शुमार काशी के लक्खी मेले के रूप में होता है। पिछले वर्षो में सर्जिकल स्ट्राईक, जी-20 की झांकी की लोकप्रियता के बाद इस वर्ष दुनिया का सबसे बड़ा मेला महाकुम्भ पर बनी झांकी को दिखाया जायेगा। जो लोग कतिपय कारणों से प्रयागराज नहीं जा सके और पुण्य से वंचित रह गये हैं उनके लिए कुम्भ के अमृत कलश से कुम्भ के जल की वर्षा की जायेगी। साथ ही बाबा विश्वनाथ के गण भूत-पिशाच, यक्ष, गंधर्व, नर, किन्नर, सभी देवी-देवता होली खेलते नज़र आयेंगे। इस बार बारात में होली के अति निकट होने के चलते बारात बनारसी मौज और फागुन की मस्ती लिये होलियाना अंदाज में निकलेगी। साउण्ड एवं लाईट सिस्टम पर आधारित मसाने की होली विशेष आकर्षण का केंद्र होगी।

उधर, रामापुरा लालकुटी व्यायामशाला से निकलने वाली शिवबारात गोदौलिया क्षेत्र में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए अब दशाश्वमेध तक नहीं जाएगी। बारात के संयोजक अजय वर्मा के अनुसार बारात महाशिवरात्रि पर ही निकलेगी। बारात व्यायामशाले से रामापुरा, देवकीनंदन खत्री हवेली होते हुए गिरजाघर आकर लक्सा की ओर जाएगी। उधर, तिलभांडेश्वर से निकलने वाली बाबा की बारात भी महाशिवरात्रि पर्व पर निकलेगी। तिलभांडेश्वर मंदिर से निकलने वाली बारात दोपहर 12 बजे ही परम्परागत मार्ग से ही निकलेगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी