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भोपालः  स्वास्थ्य संस्थाओं में आयोजित हुए विशेष स्तनपान परामर्श सत्र

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- 7 अगस्त तक मनाया जाएगा स्तनपान सप्ताह

भोपाल, 1 अगस्त (हि.स.)। विश्व स्तनपान दिवस के अवसर पर गुरुवार को स्वास्थ्य संस्थाओं में विशेष जागरूकता एवं परामर्श सत्रों का आयोजन किया गया। इस दौरान सुबह 10:00 से 11:00 बजे की अवधि में counsilling hour का आयोजन किया गया। जिसमें स्तनपान से होने वाले फायदे स्तनपान की सही विधि एवं बच्चों के स्वास्थ्य व पोषण संबंधी जानकारी प्रदान की गई।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि इस वर्ष ये सप्ताह क्लोजिंग द गैप, ब्रेस्टफीडिंग सपोर्ट फॉर ऑल की थीम पर मनाया जा रहा है। 01 से 7 अगस्त की अवधि में स्तनपान सप्ताह में स्तनपान के लाभ एवं स्तनपान के प्रति फैली भ्रांतियों को दूर करने के लिए विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. तिवारी ने बताया कि 6 माह तक के बच्चों को सिर्फ स्तनपान एवं 6 माह से अधिक उम्र के बच्चों को आवश्यकता के अनुसार स्तनपान के साथ-साथ पोषण आहार देकर मृत्यु दर को 22 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। डॉ. तिवारी ने बताया कि सभी प्रसव केंद्रों पर जन्म के 1 घंटे के भीतर स्तनपान करवाना सुनिश्चित किया गया है। अस्पताल से छुट्टी होने के बाद घर पर भी बच्चे को 6 माह तक सिर्फ स्तनपान करवाना जरूरी है। इसके लिए आशा कार्यकर्ताओं द्वारा होम बेस्ड न्यूबॉर्न केयर के तहत गृहभेंट कर स्तनपान करवाने की सलाह एवं सही विधि भी समझाई जाती है। प्रसव के तुरंत बाद स्तनपान बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर उसे स्वस्थ बनाए रखने में मददगार साबित होता है क्योंकि इस समय मां के दूध में कोलेस्ट्रॉल नामक तत्व पाया जाता है। जन्म के बाद 24 घंटे की अवधि में कम से कम 10 बार से ज्यादा स्तनपान करवाया जाना चाहिए। इससे दूध बनाने की प्रक्रिया तेज हो जाती है और मां को दूध उतरना शुरू हो जाता है। इसलिए जन्म के पहले दिन से ही स्तनपान करवाना जरूरी है।

शहद, घुट्टी, जायफल, गाय, बकरी का दूध जैसी कोई चीज बच्चे को नहीं देना चाहिए। साथ ही 6 माह की अवधि तक बच्चों को पानी भी नहीं देना चाहिए बच्चे का पहला आहार मां का दूध ही है। बच्चे के बीमार होने पर भी स्तनपान निरंतर रखा जाना आवश्यक है। 6 माह की उम्र के बाद 2 साल की उम्र होने तक स्तनपान के साथ-साथ पोषण आहार भी दिया जाना चाहिए।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर