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महाशिवरात्रि के एक दिन बाद शिवबारात निकालना काशी की मूल परम्परा से खिलवाड़: अजय राय

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महाशिवरात्रि के एक दिन बाद शिवबारात निकालना काशी की मूल परम्परा से खिलवाड़: अजय राय


प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने लगाया आरोप,शासन प्रशासन के दबाब में लिया गया निर्णय

वाराणसी,25 फरवरी (हि.स.)। काशीपुराधिपति की नगरी में महापर्व महाशिवरात्रि के एक दिन बाद शिव बारात निकालने के निर्णय को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पूर्व मंत्री अजय राय ने काशी की मूल परम्परा से खिलवाड़ बताया है।

मंगलवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि शासन—प्रशासन के दबाब में शिव बारात निकालने वाली समितियों ने यह निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि देवाधिदेव महादेव के त्रिशूल पर बसी अविनाशी काशी में बाबा भोलेनाथ के भूत,पिशाच,ताल,बैताल,सभी देवी—देवताओं संग निकलने वाली दुनिया की पहली विश्वप्रसिद्ध शिव—बरात इस बार एक दिन बाद निकलना परम्पराओं के साथ खिलवाड़ है। परंम्परा के अनुसार बारात महामृत्युंजय मंदिर दारानगर से उठकर मैदागिन,बुलानाला,चौक,बाबा धाम होते हुए गोदौलिया दशाश्वमेध मार्ग से चितरंजन पार्क तक जाती है। वहां वधू—पक्ष भांग ठंडई,माला—फूल से बरातियों की अगवानी करते है। नगर में निकलने वाली शिवबारात काशी की मूल परम्परा आस्था को समेटे हर काशीवासी के हृदय में बसती है। उन्होंने कहा कि आखिरकार काशी की पहचान ही यहां की संस्कृति,आस्था,पुरातन संस्कृति,अध्यात्म से है। यहां की परम्परा विश्व पटल पर महत्व रखती है। और अब उसी परम्परा को भाजपा सरकार खत्म कर रही है। महाशिवरात्रि के बाद बारात निकालना बड़ा प्रश्न है। शादी के बाद बारात निकालना तो पूर्ण रूप से वैवाहिक परम्परा,रीति रिवाज के साथ खिलवाड़ है। बताते चले प्रयागराज महाकुंभ से काशी में प्रति​दिन लाखों श्रद्धालुओं के अनवरत आगमन और नागा सन्यासियों के पेशवाई को देख सुरक्षा कारणों से शिवबारात समितियों ने महाशिवरात्रि के एक दिन बाद बारात निकालने का निर्णय लिया है।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी