Newzfatafatlogo

प्रदेश को सबसे बड़ी ताकत माइनिंग सेक्टर से मिलेगी, खनिज राजस्व में पांच गुना वृद्धि का लक्ष्य: मुख्यमंत्री

 | 
प्रदेश को सबसे बड़ी ताकत माइनिंग सेक्टर से मिलेगी, खनिज राजस्व में पांच गुना वृद्धि का लक्ष्य: मुख्यमंत्री


भोपाल के ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में निवेश का बनेगा रिकॉर्डः मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल, 25 फरवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 में निवेश के क्षेत्र में मध्य प्रदेश को माइनिंग के क्षेत्र में सबसे बड़ी ताकत मिलेगी। उन्होंने कहा कि माइनिंग सेक्टर में निवेश की असीमित संभावनाएँ हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव राष्ट्रीय मानव संग्रहालय भोपाल में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 के दूसरे दिन माइनिंग सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश एकमात्र ऐसा राज्य है, जहाँ पत्थर उठाओ तो हीरा मिलता है। उन्होंने कहा कि खनिज राजस्व में 5 गुना वृद्धि का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि भोपाल के ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में निवेश का रिकॉर्ड बनेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश में खनिज के अकूत भण्डार हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हीरे के साथ लाइम स्टोन, डोलोमाइट, सीमेंट, कॉपर, मैग्नीज और रॉक फास्फेट जैसे खनिज प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं। मध्य प्रदेश में सभी विभागों के समन्वय से खनन की सरल एवं लचीली नीति बनायी गयी है। उन्होंने कहा कि इन नीतियों से निवेशकों को मध्यप्रदेश में निवेश करने में आसानी होगी। निवेशकों को नीति से हटकर भी कोई सहयोग की आवश्यकता होगी, तो उसे भी पूरा किया जायेगा। मध्य प्रदेश में निवेशकों के लिये नीतियों के बलबूते माइनिंग सेक्टर में बड़ी बढ़त देखने को मिलेगी। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में हम रॉ-मटेरियल देने के साथ प्रदेश को निर्माण का केन्द्र भी बनायेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश संभावनाओं का प्रदेश है। यहाँ बसने वाले लोग बहुत ही सरल है। खनन के क्षेत्र में कार्य करने वाले निवेशकों को पूरा सहयोग मिलेगा। हम भारत सरकार के माध्यम से भी खनन के क्षेत्र में पॉलिसी बनाकर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में मध्य प्रदेश देश में खनिज के क्षेत्र में अहम भूमिका निभाएगा। हमारे प्रदेश के भू-गर्भ में छिपे खजाने को बाहर लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जीआईएस के बाद माइनिंग के लिये पृथक से भी समिट आयोजित की जायेगी।

सचिव, खान मंत्रालय बी.एल. कांताराव ने कहा कि भोपाल का ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट अभी तक का सबसे बेहतरीन आयोजन है। इस बार की समिट में माइनिंग में बड़े उद्योगपतियों ने सहभागिता की है। इससे मध्य प्रदेश में खनिज में निवेश की संभावनाएँ बढ़ी हैं। उन्होंकहा कि केन्द्र सरकार के खनिज में 4 विभाग हैं, जिनमें कोल, एटॉमिक, पेट्रोलियम, नेचुरल रिसोर्स और मिनिस्ट्री ऑफ माइंस हैं। इन सभी मिनरल्स की मध्यप्रदेश में बहुतायत है। देश में सबसे ज्यादा माइन्स मध्यप्रदेश में हैं। उन्होंने कहा कि हर 4 माइन्स में से एक माइन्स प्रदेश में है। उन्होंने कहा कि खनिज का सबसे ज्यादा ऑक्शन करने वाला राज्य मध्य प्रदेश है।

उन्होंने कहा कि देश की जियो लॉजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया कम्पनी 175 वर्ष पुरानी है, जिसने माइनिंग सेक्टर में अपार डेटा इकट्ठा किया है। उन्होंने निवेशकों से कहा कि डेटा स्टडी कर खनिज के क्षेत्र में कार्य करें। केन्द्रीय सचिव कांताराव ने कहा कि माइनिंग के क्षेत्र में एक्सप्लोरेशन के लिये सरकार 100 प्रतिशत आर्थिक सहायता देगी। इसके साथ ही सरकार नई नीति के अंतर्गत एक्सप्लोरेशन कम्पनी को लागत का 50 प्रतिशत रिस्क कवर करेगी। उन्होंने कहा कि ओवर डम्प और रिसाइकिलिंग के लिये विशेष प्रावधान किये जा रहे हैं। इससे कम्पनियों को सहायता मिलेगी और निवेश मिलेगा।

प्रमुख सचिव, खनिज उमाकांत उमराव ने कहा कि मध्य प्रदेश में खनिज क्षेत्र में असीमित संभावनाएँ हैं। कुछ ऐसे खनिज हैं, जो मध्य प्रदेश में ही पाये जाते हैं। सभी क्षेत्रों में खनिजों के अपार भण्डार हैं। इसके समुचित उपयोग के लिये प्रदेश में एक बेहतरीन ईको सिस्टम भी है। उमराव ने निवेशकों से कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली, पानी, हवाई कनेक्टिविटी बहुत बेहतर है और यहाँ पर क्रिटिकल मिनरल्स भी बड़ी मात्रा में पाये जाते हैं। मध्य प्रदेश खनिज सम्पदा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य है। खनन एवं खनिज आधारित उद्योगों के लिये अत्यधिक संभावनाएँ प्रदान करता है। मध्य प्रदेश में विविधतापूर्ण खनिज पूरे राज्य में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है।

उन्होंने कहा कि राज्य का देश में कॉपर, मैंग्नीज और हीरा उत्पादन में पहला, रॉक फास्फेट के उत्पादन में दूसरा, लाइम स्टोन के उत्पादन में तीसरा और कोयला उत्पादन में चौथा स्थान है। राज्य में देश के कुल भण्डारण का 36 प्रतिशत कोल बेण्ड मीथेन के उत्पादन में राज्य का देश में दूसरा स्थान है। उन्होंने कहा कि खनिजों का पता लगाने का कार्य लगातार जारी है। वर्ष 2024-25 में अब तक 73 में से 62 ब्लॉक की नीलामी की जा चुकी है। प्रमुख सचिव श्री उमराव ने कहा कि राज्य में खनिज उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये कई नीतिगत पहल की हैं। उन्होंने निवेशकों से कहा कि मध्यप्रदेश में निवेश करने का उचित समय है। उन्होंने सभी निवेशकों को मध्यप्रदेश में निवेश के लिये प्रेरित किया।

ज्वाइंट सेक्रेटरी कोल्स भवानी प्रसाद पाटी ने कहा पॉवर सेक्टर में कोल बहुत बड़ी भूमिका निभा रहा है। ऊर्जा के नवीन स्रोतों के बावजूद भी लगभग 20 वर्षों तक कोयले के जरिये ऊर्जा की आवश्यकता होगी। उन्होंने निवेशकों से कोल सेक्टर में निवेश बढ़ाने का आग्रह किया। मध्य प्रदेश में शहडोल और छिंदवाड़ा में कोल सेक्टर में अनंत संभावनाएँ हैं।

एमओयू हुए हस्ताक्षरित

मध्य प्रदेश सरकार, एमपीएसएमसीएल और हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड के बीच एमओयू हुआ। मध्य प्रदेश सरकार, एमपीएसएमसीएल और हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड एनएमईटी फण्ड का उपयोग कर मध्य प्रदेश में तांबा और रणनीतिक खनिजों की खोज के लिये एमओयू पर हस्ताक्षर हुए। इसमें एचसीएल प्रमुख होगा। अयस्क व्यवहार्यता की पुष्टि होने पर शुरूआती 5 साल की अवधि में सतत विकास के लिये 51:49 संयुक्त उद्यम का गठन किया जायेगा।

जीआईसी भोपाल में पार्टनर डेलोइट राजीव मैत्रा ने मध्य प्रदेश में खनिज क्षमता को अनलॉक करने पर प्रेजेन्टेशन दिया। मनीष माहेश्वरी चेयरमेन इनवेनेरे पेट्रोडाइन ने मध्य प्रदेश में हाइड्रोकार्बन मे अवसर होने विषय पर चर्चा की। सीएमडी एमईसीएल इंद्र देव नारायण ने भविष्य की खनिज मांग से निपटने के लिये उन्नत अन्वेषण तकनीक के बारे में बताया। एसबीआई कैप्स द्वारा एमपी में नीलामी प्रक्रिया का अवलोकन और भारत में महत्वपूर्ण खनिजों का परिदृश्य विषय पर जानकारी दी। समिट में मध्य प्रदेश में अनंत क्षेत्र में अवसरों पर वीडियो का प्रेजेंटेशन दिया गया।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर