Toxic Cough Syrup Case: ED Raids Seven Locations Linked to Chennai's Shri San Pharma

जहरीले कफ सिरप की जांच में ईडी की कार्रवाई
Toxic cough syrup case: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत चेन्नई स्थित श्रीसन फार्मा और तमिलनाडु औषधि नियंत्रण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से जुड़े सात ठिकानों पर छापेमारी की है. यह कदम कोल्ड्रिफ कफ सिरप से जुड़ी मौतों की जांच के सिलसिले में उठाया गया है, जिसमें मध्य प्रदेश में कम से कम 22 बच्चों की मौत किडनी फेल होने के कारण हुई थी.
जहरीली दवा की जांच में बड़ा कदम
ईडी अधिकारियों ने जानकारी दी कि छापे तमिलनाडु ड्रग कंट्रोल अधिकारियों के आवासों और कोल्ड्रिफ सिरप की निर्माता कंपनी श्रीसन फार्मा के परिसरों पर मारे गए. कोल्ड्रिफ सिरप का कथित रूप से सेवन करने के बाद बच्चों की मौत ने पूरे देश में एक गुस्से की लहर दौड़ गई. यह घटना देश की दवा नियामक प्रणाली और गुणवत्ता नियंत्रण व्यवस्था की गंभीर खामियों को उजागर करती है.
श्रीसन फार्मा के मालिक की गिरफ्तारी
इस पूरे मामले में श्रीसन फार्मास्युटिकल्स के मालिक जी. रंगनाथन को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. 73 वर्षीय रंगनाथन की कंपनी ही कोल्ड्रिफ सिरप का निर्माण करती है. केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) और तमिलनाडु खाद्य एवं औषधि प्रशासन (TNFDA) द्वारा कंपनी पर गंभीर लापरवाहियों और नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है.
खराब ढांचा, फिर भी चलता रहा कारोबार
जांच में यह सामने आया है कि कंपनी का इन्फ्रास्ट्रक्चर बेहद कमजोर था और बार-बार सुरक्षा मानकों का उल्लंघन किया गया. इसके बावजूद, श्रीसन फार्मा को 2011 में मिले लाइसेंस के बाद से लगातार उत्पादन की अनुमति मिलती रही. यह इस बात का संकेत है कि नियामक संस्थाओं की ओर से जरूरी निगरानी और कार्रवाई नहीं की गई.
वित्तीय अनियमितताओं की भी जांच
ईडी अब श्रीसन फार्मा के आर्थिक लेन-देन और संभवतः अवैध वित्तीय गतिविधियों की भी गहराई से जांच कर रही है. संभावना है कि लाइसेंसिंग में भ्रष्टाचार और अधिकारियों की मिलीभगत के कारण कंपनी को वर्षों तक काम करने दिया गया. इसी दिशा में छापेमारी की गई ताकि पैसों के लेन-देन से जुड़े साक्ष्य जुटाए जा सकें.
क्या है अगला कदम?
ईडी सूत्रों के अनुसार, जांच का दायरा और भी बढ़ सकता है, और आने वाले दिनों में अन्य राज्यों से जुड़े अधिकारियों और सप्लायर्स की भूमिका भी जांच के दायरे में लाई जा सकती है. ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत भी अलग से मामला दर्ज किया गया है.