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केदारघाटी के शिवालयाें में विशेष पूजा-अर्चना

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केदारघाटी के शिवालयाें में विशेष पूजा-अर्चना


गुप्तकाशी , 26 फ़रवरी (हि.स.)। केदार घाटी के विभिन्न शिव मंदिरों में महाशिवरात्रि व्रत के दौरान श्रद्धालुओं की खासी भीड़ रही। इस दौरान शिवभक्तों ने ने चार प्रहर की पूजा अर्चना पूर्ण कर क्षेत्र की सुख समृद्धि की कामना की। गुप्तकाशी स्थित विश्वनाथ मंदिर में देर रात तक पूजन का कार्यक्रम चलता रहा। इससे पूर्व श्री बद्री केदार मंदिर समिति द्वारा विश्वनाथ मंदिर को फूल मालाओं से सुसज्जित किया गया।

शिव महापुराण के अनुसार इसी दिन पर भगवान शंकर तथा मां पार्वती का प्रथम मिलन हुआ था। कहा जाता है कि इसी पवित्र दिन पर भगवान शंकर ने वैराग्य जीवन का त्याग कर गृहस्थ जीवन अपनाया था। कथाओं के अनुसार विश्वनाथ में पांडवों को स्वर्गारोहिणी गंतव्य भगवान शंकर ने सूक्ष्म दर्शन देकर गुप्त वास लिया था, इसलिए इसे गुप्तकाशी कहा जाता है।

माना जाता है कि यहां पर साक्षात भगवान शंकर का निवास स्थान है। उनके त्रिकोणीय लिंग के प्रादुर्भाव का समय भी इसी दिन को माना जाता है। शिव पुराण में वर्णन मिलता है कि जब इस धरा धाम में भगवान शंकर के लिंग रूप का प्रादुर्भाव हुआ था ,तो स्वयं ब्रह्मा और विष्णु ने उनकी स्तुति की थी। इस दौरान श्रद्धालुओं ने भगवान शंकर का रुद्राभिषेक, तेल अभिषेक और जलाभिषेक कर सुख समृद्धि की कामना की।

हिन्दुस्थान समाचार / बिपिन