उत्तराखंड में 32 नेपाली युवकों को बंधक बनाने के मामले में तीन गिरफ्तार

पुलिस ने की कार्रवाई
उत्तराखंड के उधम सिंह नगर में 32 नेपाली युवकों को बंधक बनाए जाने के मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। उन्हें कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया। एसपी अभय प्रताप सिंह ने आईटीआई थाने में इस मामले का खुलासा किया। पुलिस के अनुसार, नेपाल एंबेसी के नवीन जोशी ने सूचना दी थी कि कुछ नेपाली युवकों को नौकरी का झांसा देकर भारत लाया गया है, जो काशीपुर क्षेत्र में रह रहे थे।
नेपाली युवकों की पहचान
एसपी सिटी अभय प्रताप सिंह ने बताया कि नवीन जोशी ने गुरुवार को इस मामले की जानकारी दी, जिसके बाद कार्रवाई शुरू की गई। एसएसपी मणिकांत मिश्रा के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया, जिसने ओम विहार कॉलोनी में छापेमारी की। पुलिस ने वहां 32 नेपाली युवकों को पाया, जिनमें से तीन नाबालिग थे।
युवकों का बयान
पूछताछ के दौरान युवकों ने बताया कि उन्हें नौकरी का झांसा देकर लाया गया था। उन्होंने पुलिस को बताया कि हर युवक से पैसे लेकर भी उन्हें नौकरी पर नहीं रखा गया। कई युवक कई महीनों से फंसे हुए थे।
मानसिक उत्पीड़न का मामला
पुलिस के अनुसार, युवकों का मानसिक उत्पीड़न किया गया और उन्हें मारपीट का भी सामना करना पड़ा। जब पुलिस ने आरोपियों से वैध दस्तावेज मांगे, तो वे कोई दस्तावेज नहीं दिखा सके। इसके बाद तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया। एसपी अभय प्रताप सिंह ने बताया कि रेस्क्यू किए गए सभी युवकों को नेपाल एंबेसी के नवीन जोशी को सौंप दिया गया है और सभी सुरक्षित अपने घर लौट गए हैं।
आरोपियों की पहचान
पुलिस के अनुसार, युवकों को जबरदस्ती 'लीड विजन ट्रेडिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड' के उत्पाद बेचने के लिए मजबूर किया जाता था। ऐसा करने से मना करने पर उनके साथ मारपीट और मानसिक उत्पीड़न किया जाता था। वीरेंद्र शाही के साथ उत्तर प्रदेश के गाजीपुर का सचिन कुमार और रुद्रपुर निवासी मनीष तिवारी भी इनका शोषण करते थे।