फतेहाबाद के गांव खजूरी में ग्रामीणों का फैसला,नहीं होगा मृत्युभोज,हुक्के पर प्रतिबंध

फतेहाबाद, 24 फरवरी (हि.स.)। गांव खजूरी जाटी में चल रही सात दिवसीय कथा का सोमवार को हवन के साथ समापन हुआ। कथा के अंतिम दिन कथावाचक संत श्री रामाचार्य जी, जैसला के बचनों का श्रद्धालुओं पर काफी असर नजर आया। इस कथा में बिश्नोई समाज के अलावा आस-पास के गांवों से काफी संख्या में लोगों ने भाग लिया। कथा के समापन अवसर पर खास बात यह रही कि गांव व समाज से बुराईयों को खत्म करने के लिए गांव में एक कमेटी का गठन किया गया। महिलाओं ने भी पुरूषों के साथ हाथ उठाकर समाज व गांव से सामाजिक बुराईयों को खत्म करने की शपथ ली। गांव के लोगों ने संकल्प लिया कि आज के बाद हम न तो मृत्यु भोज करेंगे और न ही अगर कोई मृत्युभोज करता है तो उसके घर भोजन करने जाएंगे। ग्रामीणों ने बताया कि इस बुराई से गांव के बहुत से लोगों को बहुत आर्थिक नुकसान हुआ है। इसके अलावा ग्रामीणों ने फैसला लिया कि पूरे गांव में हुक्के पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा और कोई व्यक्ति इस फैसले का उल्लंघन करता है तो उसको दंडित किया जाएगा। इस अवसर पर ग्रामीणों ने हवन के समक्ष शपथ ली कि वह आगे से न तो स्वयं किसी प्रकार का नशा करेंगे और न ही दूसरों को करने देंगे। इस सत्संग से उन्हें अहसास हुआ कि नशा घर और शरीर दोनों का नाश करने वाला है। कमेटी सदस्यों ने फैसला लिया कि उनके गांव के अलावा आसपास के गांव में भी लोग अगर ऐसी पहल करते हैं तो कमेटी द्वारा उस गांव की हरसंभव मदद का प्रयास किया जाएगा। इस अवसर पर सरपंच सीताराम पूनियां, पूर्व सरपंच संजय मांझू, मंदिर प्रधान मनफूल सारण सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / अर्जुन जग्गा