स्वास्थ्यसचिव को ‘सीरियस’ होने की सलाह, ममता बनर्जी ने डॉक्टरों के मंच से दी नसीहत
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कोलकाता, 24 फरवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के स्वास्थ्यसचिव नारायण स्वरूप निगम को और ‘सीरियस’ होने की सलाह दी है। सोमवार को कोलकाता के अलीपुर स्थित ‘धनधान्य’ प्रेक्षागृह में आयोजित राज्यभर के डॉक्टरों के सम्मेलन में ममता ने निगम को प्रशासनिक कामकाज में बेहतर समन्वय बनाने की हिदायत दी।
इस मौके पर मंच पर ही बैठे निगम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में अधिकारी स्तर पर आपसी मतभेद कम करने के लिए बेहतर संवाद आवश्यक है। ममता ने कहा कि आप लोगों के बीच मतभेद रहता है। आपस में बेहतर संवाद स्थापित कर अच्छा काम करें।
गौरतलब है कि आर.जी. कर अस्पताल कांड और उसके बाद हुए विरोध प्रदर्शनों में स्वास्थ्यसचिव की भूमिका पर सवाल उठे थे। जूनियर डॉक्टरों ने निगम को पद से हटाने की मांग की थी, लेकिन मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट कर दिया था कि निगम को नहीं हटाया जाएगा।
सम्मेलन में ममता बनर्जी ने आर.जी. कर कांड के पीड़िता के परिवार के प्रति संवेदना जताई और दोषियों को कड़ी सजा देने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि वह खुद भी इस मामले में न्याय की मांग को लेकर सड़क पर उतरी थीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने स्वास्थ्य विभाग में प्रशासनिक कामकाज को सुचारू रूप से चलाने के लिए आठ-10 आईएएस अधिकारियों की नियुक्ति की है, साथ ही डॉक्टर भी इसमें योगदान दे रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों को स्वास्थ्य विभाग की छवि खराब न होने देने के लिए और सक्रिय होने की सलाह दी।
आर.जी. कर अस्पताल की घटना के विरोध में जूनियर डॉक्टरों ने स्वास्थ्यभवन के सामने अनिश्चितकालीन धरना दिया था। उनकी दस सूत्रीय मांगों में स्वास्थ्यसचिव को हटाने की मांग भी शामिल थी। हालांकि, मुख्यमंत्री ने हर बैठक में साफ कर दिया था कि निगम को हटाने का कोई सवाल ही नहीं उठता। इसके बावजूद, कोलकाता पुलिस कमिश्नर बिनीता गोयल समेत कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का तबादला कर दिया गया था।
सोमवार के सम्मेलन में ममता बनर्जी ने स्वास्थ्यसचिव निगम को सावधान किया कि वे अपने काम को लेकर और सतर्क रहें। हालांकि, उन्होंने कोई विशेष आरोप नहीं लगाया, लेकिन विभागीय समन्वय पर जोर देने की बात कही।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर