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अडानी ग्रुप: भारत का सबसे तेजी से बढ़ता ब्रांड

ब्रांड फाइनेंस की 2025 रैंकिंग में अडानी ग्रुप ने 16वें से 13वें स्थान पर छलांग लगाई है, इसे भारत का सबसे तेजी से बढ़ता ब्रांड माना गया है। कंपनी ने अभूतपूर्व राजस्व और लाभ अर्जित किया है, जिससे इसका ब्रांड मूल्य 3.55 बिलियन से बढ़कर 6.46 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है। गौतम अडाणी ने भविष्य में 15 से 20 बिलियन डॉलर के वार्षिक निवेश की योजना बनाई है। जानें अडानी ग्रुप की ग्रोथ के प्रमुख कारण और भारत की आर्थिक स्थिति के बारे में।
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अडानी ग्रुप: भारत का सबसे तेजी से बढ़ता ब्रांड

अडानी ग्रुप की नई उपलब्धियां

ब्रांड फाइनेंस की 2025 की रैंकिंग में अडानी ग्रुप ने भारत के शीर्ष ब्रांडों में 16वें से 13वें स्थान पर छलांग लगाई है, और इसे देश का सबसे तेजी से बढ़ता ब्रांड माना गया है। कंपनी ने अभूतपूर्व राजस्व, शानदार वृद्धि और ऐतिहासिक लाभ हासिल किया है। ब्रांड का मूल्य 2024 में 3.55 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 6.46 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया, जो 2.91 बिलियन अमेरिकी डॉलर की उल्लेखनीय वृद्धि को दर्शाता है। ब्रांड फाइनेंस ने यह भी बताया कि भारत अपनी आर्थिक स्थिति को लगातार मजबूत कर रहा है, जो इसकी स्थायी विकास की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।


भविष्य की योजनाएं

गौतम अडाणी ने कहा कि हमारे सभी व्यवसायों में पूंजी निवेश अभूतपूर्व स्तर पर पहुंचने वाला है। हम अगले पांच वर्षों में 15 से 20 बिलियन डॉलर के वार्षिक कैपेक्स खर्च की योजना बना रहे हैं। यह केवल हमारे समूह में निवेश नहीं है, बल्कि भारत के बुनियादी ढांचे के विकास में योगदान देने की संभावनाओं में भी निवेश है। अदाणी पावर ने 100 बिलियन यूनिट उत्पादन को पार कर लिया है और 2030 तक 31 गीगावाट क्षमता तक पहुंचने के लिए तैयार है।


अडानी ग्रुप की ग्रोथ के प्रमुख कारण

ब्रांड मूल्य में वृद्धि के कारण


ब्रांड मूल्य में अडानी की वृद्धि 82% के अनुसार, यह ग्रोथ बाजार की जटिलताओं को दूर करने में ग्रुप की रणनीतिक स्पष्टता और लचीलेपन का प्रतिबिंब है। यह एकीकृत बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित करने, ग्रीन एनर्जी की महत्वाकांक्षाओं में वृद्धि और प्रमुख हितधारकों के बीच बेहतर ब्रांड इक्विटी के कारण है।


भारत की आर्थिक स्थिति

ब्रांड फाइनेंस की 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, इंडिया 100 रैंकिंग में कंपनियों का सामूहिक ब्रांड मूल्य अब 236.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर है। मजबूत पूंजीगत व्यय, बढ़ती घरेलू मांग और मजबूत सार्वजनिक-निजी सहयोग द्वारा समर्थित, वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि 6 से 7 प्रतिशत के बीच रहने की उम्मीद है। भारतीय ब्रांड वैश्विक चुनौतियों के बावजूद उभरते अवसरों का लाभ उठाने के लिए तैयार हैं।