अपोलो टायर्स की जर्सी स्पॉन्सरशिप से शेयर बाजार में हलचल

शेयर बाजार में अपोलो टायर्स की उछाल
मंगलवार को शेयर बाजार में अपोलो टायर्स के शेयरों में जबरदस्त गतिविधि देखी गई। बीसीसीआई द्वारा कंपनी को भारतीय क्रिकेट टीम का आधिकारिक जर्सी स्पॉन्सर घोषित करने के बाद, इसके शेयर 490.80 रुपये के उच्चतम स्तर तक पहुंच गए। यह करार न केवल अपोलो टायर्स को वैश्विक पहचान दिलाएगा, बल्कि भारतीय क्रिकेट के लिए भी एक महत्वपूर्ण वित्तीय समझौता साबित होगा।
बीसीसीआई का नया करार
बीसीसीआई ने मंगलवार को यह घोषणा की कि अपोलो टायर्स 2027 तक भारतीय क्रिकेट टीम का जर्सी स्पॉन्सर बनेगा। यह करार ड्रीम11 के साथ हुए अनुबंध की समाप्ति के बाद आया है। अपोलो टायर्स इस डील के तहत बीसीसीआई को प्रति मैच 4.5 करोड़ रुपये का भुगतान करेगा, जबकि ड्रीम11 का योगदान प्रति मैच 4 करोड़ रुपये था। यह स्पॉन्सरशिप भारतीय क्रिकेट के इतिहास में हाल के समय की सबसे महंगी और प्रभावशाली डील मानी जा रही है।
ड्रीम11 का करार क्यों समाप्त हुआ?
ड्रीम11 ने पुरुष एशिया कप से पहले ही भारतीय टीम का जर्सी स्पॉन्सर बनने से पीछे हटने का निर्णय लिया। इसका कारण सरकार द्वारा ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग पर लगाए गए प्रतिबंध थे। नए 'Promotion and Regulation of Online Gaming Act' के तहत ऐसे गेमिंग ऐप्स के विज्ञापन या प्रमोशन की अनुमति नहीं है, जिनमें वास्तविक पैसे का लेन-देन होता है। इस कानून ने न केवल ड्रीम11 बल्कि अन्य फैंटेसी गेमिंग कंपनियों की आय पर भी नकारात्मक प्रभाव डाला है।
शेयर बाजार की प्रतिक्रिया
जैसे ही यह खबर आई, अपोलो टायर्स के शेयरों में तेजी आई। कंपनी का शेयर शुरुआती स्तर 479.45 रुपये से बढ़कर 490.80 रुपये तक पहुंच गया और अंत में 486.80 रुपये पर बंद हुआ, जो कि लगभग 1.56% की वृद्धि दर्शाता है। यह उछाल इस बात का संकेत है कि निवेशक इस स्पॉन्सरशिप डील को कंपनी के लिए एक बड़ा अवसर मान रहे हैं। भारतीय क्रिकेट टीम के अंतरराष्ट्रीय मैचों और व्यस्त क्रिकेट कैलेंडर से अपोलो टायर्स को वैश्विक पहचान मिलने की संभावना है।
भारतीय क्रिकेट और स्पॉन्सरशिप का महत्व
भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी स्पॉन्सरशिप हमेशा कंपनियों के लिए प्रतिष्ठा और बाजार में अपनी पहचान मजबूत करने का एक सुनहरा अवसर रही है। ड्रीम11 और My11Circle की स्पॉन्सरशिप से बीसीसीआई को लगभग 1,000 करोड़ रुपये की आय हुई थी। अब अपोलो टायर्स का जुड़ना इस परंपरा को और आगे बढ़ाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह डील न केवल कंपनी के ब्रांड वैल्यू को बढ़ाएगी बल्कि भारतीय क्रिकेट में वित्तीय मजबूती भी जोड़ेगी।