अमित शाह का डिजिटल संबोधन: क्या बिहार फिर से 'जंगल राज' की ओर बढ़ रहा है?
गोपालगंज में अमित शाह का ऑनलाइन संबोधन
गोपालगंज : बिहार की राजनीतिक स्थिति में एक नया मोड़ तब आया जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 1 नवंबर 2025 को राज्य की जनता से डिजिटल माध्यम से संवाद किया। गोपालगंज में उनकी चुनावी रैली मौसम की खराबी के कारण रद्द हो गई, लेकिन उन्होंने ऑनलाइन जुड़कर लोगों को संबोधित किया। अपने भाषण में उन्होंने कहा कि यदि राजद सत्ता में लौटता है, तो बिहार एक बार फिर 'जंगल राज' की ओर बढ़ जाएगा।
बिहार के भविष्य पर अमित शाह की चिंता
अपराध और अराजकता का जिक्र
अमित शाह ने अपने भाषण में कहा कि यह चुनाव बिहार के भविष्य को निर्धारित करेगा। उन्होंने बताया कि एक ओर वे लोग हैं जिन्होंने राज्य को अराजकता में धकेल दिया, जबकि दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जोड़ी है, जिन्होंने विकास और सुशासन की नींव रखी है। उन्होंने जनता से अपील की कि वे उस समय को याद करें जब बिहार में अपराध और भय का राज था और इसे फिर से लौटने न दें।
साधु यादव पर सीधा हमला
साधु यादव का उल्लेख
गृह मंत्री ने राबड़ी देवी के भाई साधु यादव का नाम लेते हुए कहा कि गोपालगंज के लोग उनके कार्यों को भली-भांति जानते हैं। शाह ने कहा कि 2002 के बाद से गोपालगंज की जनता ने कभी भी राजद को वोट नहीं दिया और उन्हें विश्वास है कि यह परंपरा इस बार भी कायम रहेगी। उन्होंने याद दिलाया कि साधु यादव के प्रभाव के समय में बिहार में भय और भ्रष्टाचार का माहौल था।
मीसा भारती की शादी का संदर्भ
1999 की घटना का जिक्र
शाह ने 1999 में मीसा भारती की शादी के दौरान एक शोरूम से जबरन कारें उठवाने की घटना का उल्लेख किया, जिसे हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने भी एक रैली में बताया था।
शिल्पी गौतम हत्याकांड पर चर्चा
साधु यादव का नाम विवाद में
साधु यादव का नाम 1999 के शिल्पी गौतम हत्याकांड में भी आया था, जो लंबे समय तक चर्चा में रहा। हाल ही में प्रशांत किशोर ने इस मामले में तत्कालीन राजद नेता और अब भाजपा के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की भूमिका पर सवाल उठाए। शाह ने कहा कि ऐसे मामलों से यह स्पष्ट होता है कि राजद शासन में कानून-व्यवस्था का स्तर क्या था।
राजद शासन के दौरान की हिंसा
नरसंहारों का उल्लेख
अमित शाह ने राजद शासनकाल में बिहार में हुई हिंसक घटनाओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि उस समय राज्य नक्सलवाद और जातीय संघर्षों से जूझ रहा था। भाजपा और एनडीए की सरकारों ने इन परिस्थितियों को बदलने का प्रयास किया है।
घोषणापत्र और विकास योजनाएं
राजग का घोषणापत्र
शाह ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घोषणापत्र का उल्लेख करते हुए कहा कि यह बिहार के किसानों और महिलाओं के विकास का रोडमैप है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1.41 करोड़ जीविका दीदियों के खातों में 10,000 रुपये की सहायता राशि भेजी है।
औद्योगिक विकास और रोजगार के वादे
बंद चीनी मिलों का पुनरुद्धार
अमित शाह ने कहा कि बिहार में सभी बंद चीनी मिलों को अगले पांच वर्षों में फिर से चालू किया जाएगा, जिससे लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बिहार के विकास के प्रति प्रतिबद्ध है।
डिजिटल माध्यम से विपक्ष पर हमला
राजद का शासन और भाजपा-नीतीश का विकास
अमित शाह का डिजिटल संबोधन न केवल राजद पर हमला था, बल्कि यह भाजपा-नीतीश गठबंधन की विकास नीतियों की प्रस्तुति भी थी। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता को इस बार भी उसी रास्ते का चुनाव करना चाहिए जो राज्य को आगे ले जाए।
