अयोध्या में ध्वजारोहण महोत्सव: पीएम मोदी का विशेष उपवास और रैली का उत्सव
धर्म और उत्साह का संगम
अयोध्या, जिसे रामनगरी भी कहा जाता है, इस समय धर्म और उत्साह से भरी हुई है। ध्वजारोहण रैली और धर्म ध्वजारोहण महोत्सव के आयोजन ने शहर में एक अद्भुत उल्लास का माहौल बना दिया है। इस साल के समारोह के मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी होंगे, जो 25 नवंबर को विवाह पंचमी के अवसर पर उपवास रखकर इस महोत्सव में शामिल होंगे।
पीएम मोदी का राम मंदिर दौरा
प्रधानमंत्री मोदी सुबह 10 बजे राम मंदिर पहुंचेंगे और अनुष्ठान में भाग लेने के बाद निर्धारित समय पर मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण करेंगे। यह जानकारी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष महंत गोविंद देव गिरि ने दी। उन्होंने बताया कि प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव के दौरान भी प्रधानमंत्री ने उपवास रखा था।
ध्वजारोहण का मुहूर्त
ध्वजारोहण का मुहूर्त 11:58 बजे से लेकर 12:30 बजे तक निर्धारित किया गया है। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन होगा। आचार्य डॉ. रघुनाथ शास्त्री ने बताया कि 25 नवंबर को अनुष्ठान की पूर्णाहुति से पहले सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएंगी और पूजित ध्वज मुख्य यजमान डॉ. अनिल मिश्र को सौंपा जाएगा।
धर्मगुरुओं की रैली
रविवार की सुबह रामकथा पार्क में धर्मगुरुओं, संस्कृताचार्यों और समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तियों की एक बड़ी संख्या एकत्रित हुई। महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी के नेतृत्व में रैली लता चौक से श्रीराम जन्मभूमि परिसर की ओर बढ़ी। रैली का विभिन्न स्थानों पर स्वागत किया गया और यह हनुमानगढ़ी तथा श्रीराम जन्मभूमि मंदिर से होते हुए छीरेश्वरनाथ मंदिर के सामने समाप्त हुई।
यज्ञ और पूजा का आयोजन
ध्वजारोहण के लिए यज्ञ कुंड में चल रहे पांच दिवसीय अनुष्ठान के तीसरे दिन विष्णु सहस्त्रनाम और अथर्व शीर्ष मंत्रों के साथ देवताओं का वैदिक रीति से पूजन किया गया। इस दौरान दस लाख आहुतियों की व्यवस्था के तहत तीसरे दिन की निर्धारित आहुतियां डाली गईं। यज्ञमंडप में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपतराय भी पूजा में शामिल हुए।
मोहन भागवत का दौरा
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत दो दिवसीय अयोध्या दौरे पर ध्वजारोहण कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा करेंगे। सोमवार को रामजन्मभूमि परिसर सभागार में प्रमुख जनों की बैठक प्रस्तावित है। इसके अलावा, वह गुरुद्वारा ब्रह्मकुंड में गुरु तेग बहादुर के बलिदान दिवस के कार्यक्रम में शामिल होंगे और लोगों को संबोधित कर सकते हैं। संघ के पदाधिकारियों, साधु-संतों और समाज के प्रबुद्धजनों से मुलाकात भी उनकी यात्रा का हिस्सा होगी।
