असमिया गायक ज़ुबीन गर्ग का निधन: संगीत जगत में शोक की लहर
असमिया संगीत के प्रसिद्ध गायक ज़ुबीन गर्ग का निधन सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग के दौरान हुआ। उनके असामयिक निधन पर असम के स्वास्थ्य मंत्री ने शोक व्यक्त किया और उन्हें असम और भारत का गौरव बताया। ज़ुबीन ने अपने संगीत से कई पीढ़ियों को प्रेरित किया और उनकी विरासत हमेशा जीवित रहेगी। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएँ व्यक्त की गई हैं।
Sep 19, 2025, 15:52 IST
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ज़ुबीन गर्ग का असामयिक निधन
प्रसिद्ध असमिया गायक ज़ुबीन गर्ग का निधन सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग के दौरान हुआ, उनकी उम्र 52 वर्ष थी। ज़ुबीन ने असमिया संगीत क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। असम के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अशोक सिंघल ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने X (पूर्व में ट्विटर) पर एक भावुक संदेश साझा किया, जिसमें उन्होंने लिखा, "ज़ुबीन गर्ग के असामयिक निधन से हमें गहरा दुख हुआ है। असम ने एक आवाज़ और एक धड़कन खो दी है। ज़ुबीन दा केवल एक गायक नहीं थे, बल्कि वे असम और देश का गर्व थे, जिनके गीतों ने हमारी संस्कृति और भावनाओं को विश्व के कोने-कोने तक पहुँचाया।"
संगीत में उनकी विरासत
ट्वीट में आगे कहा गया, "उनके संगीत ने पीढ़ियों को आनंद और पहचान दी। उनके जाने से एक ऐसा शून्य उत्पन्न हुआ है जिसे कभी नहीं भरा जा सकेगा। असम ने अपना सबसे प्रिय सपूत खो दिया है, और भारत ने अपने सांस्कृतिक प्रतीकों में से एक को खो दिया है। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएँ। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे। ओम शांति।"
श्रद्धांजलि
पूर्व राज्यसभा सांसद रिपु बोरा ने भी ज़ुबीन गर्ग को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने लिखा, "ज़ुबीन गर्ग के असामयिक निधन से गहरा सदमा लगा है। उनकी आवाज़ और संगीत ने असम और उससे आगे की पीढ़ियों को प्रेरित किया। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएँ।" 1995 में, ज़ुबीन बॉलीवुड संगीत उद्योग में काम करने के लिए मुंबई चले गए, जहाँ उन्होंने अपना पहला इंडिपॉप एकल एल्बम 'चांदनी रात' लॉन्च किया। इसके बाद उन्होंने कई हिंदी एल्बम और रीमिक्स गाने रिकॉर्ड किए।
बॉलीवुड में योगदान
उन्हें 'गद्दार' (1995), 'दिल से' (1998), 'डोली सजा के रखना' (1998), 'फ़िज़ा' (2000), और 'कांटे' (2002) जैसी फिल्मों के लिए गाने का अवसर मिला। 2003 में, उन्होंने फिल्म 'मुद्दा-द इश्यू' से "सपने सारे" और "ख्वाबों की" गाने गाए। उन्हें फिल्म 'गैंगस्टर' से बड़ा ब्रेक मिला, जहाँ उन्होंने "या अली" गाया, जिसने उन्हें 2006 में सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक का पुरस्कार दिलाया।