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इंडोनेशिया में हिंदू मंदिरों का अद्भुत इतिहास और सांस्कृतिक समृद्धि

इंडोनेशिया, जहां 28 करोड़ मुसलमान रहते हैं, में हजारों हिंदू मंदिर हैं, जो धर्म और संस्कृति की अद्भुत साझेदारी को दर्शाते हैं। प्रम्बानन मंदिर जैसे ऐतिहासिक स्थल आज भी भारतीय संस्कृति के गहरे प्रभाव को दर्शाते हैं। जानें कैसे मिशन सनातन के प्रयासों से इन मंदिरों का पुनर्निर्माण हो रहा है और भारत-इंडोनेशिया के बीच सांस्कृतिक संबंधों की गहराई।
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इंडोनेशिया में हिंदू मंदिरों की उपस्थिति

इंडोनेशिया, जहां 28 करोड़ मुसलमान रहते हैं, में हजारों हिंदू मंदिर मौजूद हैं। यह इस बात का प्रमाण है कि धर्म, संस्कृति और परंपराएँ किसी एक सीमा में नहीं बंधी हैं। अक्सर यह धारणा होती है कि मुस्लिम देशों में धार्मिक कट्टरता होती है, लेकिन इंडोनेशिया में, जहां 87% जनसंख्या मुस्लिम है, 10,000 से अधिक हिंदू मंदिर हैं।


मिशन सनातन के प्रयासों से इंडोनेशिया में मंदिरों का पुनर्निर्माण तेजी से हो रहा है। योग्याकार्ता प्रांत में अकेले 240 मंदिरों के पुनर्निर्माण की योजना बनाई गई है, जिनमें से 22 का काम पूरा हो चुका है।


प्रम्बानन मंदिर, जो 10वीं शताब्दी में बना, इंडोनेशिया का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है। यह मंदिर ब्रह्मा, विष्णु और महेश को समर्पित है और इसकी वास्तुकला भारतीय संस्कृति और हिंदू धर्मग्रंथों से प्रेरित है। भूकंप, ज्वालामुखी और समय की चुनौतियों का सामना करते हुए, यह आज भी मजबूती से खड़ा है। इसे यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है और यह हिंदू श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल बना हुआ है।


भारत और इंडोनेशिया के बीच संबंध केवल व्यापार या राजनीति तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह एक सांस्कृतिक साझेदारी है जो हजारों वर्षों से चली आ रही है। रामायण और महाभारत आज भी इंडोनेशियाई कला, नाटक और लोककथाओं में जीवित हैं।


इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो ने 2025 के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। दोनों देशों ने साइबर सुरक्षा, आतंकवाद-निरोध, समुद्री सुरक्षा और व्यापार के क्षेत्रों में सहयोग करने की घोषणा की।


इंडोनेशिया की राष्ट्रीय एयरलाइन गरुड़ इंडोनेशिया हो या उसकी मुद्रा पर गणेश की छवि, यह स्पष्ट है कि इस देश ने भारतीय परंपराओं और प्राचीन संस्कृति को गहराई से अपनाया है। बाली, योग्याकार्ता और पूर्वी जावा में हिंदू प्रथाएँ आज भी दैनिक जीवन का हिस्सा हैं।