इंदौर में मेट्रो सेवा की शुरुआत: 32 लाख लोगों को मिलेगा लाभ

इंदौर मेट्रो सेवा का उद्घाटन
इंदौर मेट्रो सेवा: मध्य प्रदेश के इंदौर में राज्य की पहली मेट्रो रेल सेवा का शुभारंभ हो गया है। इसके लिए 6.3 किलोमीटर लंबे 'सुपर प्रायोरिटी कॉरिडोर' का निर्माण किया गया है, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 मई को वर्चुअल तरीके से किया। इस मेट्रो सेवा का लाभ इंदौर में रहने वाले लगभग 32 लाख लोगों को होगा। प्रारंभ में, इंदौर मेट्रो फ्री ट्रैवल सर्विस का प्रस्ताव दे रही है, जिसका उद्देश्य शहर के परिवहन अनुभव को बेहतर बनाना है।
इंदौर मेट्रो में स्टेशन की संख्या
भारत के विस्तारित मेट्रो नेटवर्क में अब मध्य प्रदेश का इंदौर भी शामिल हो गया है। पीएम मोदी ने अहिल्या बाई होल्कर की 300वीं जयंती के अवसर पर 31 मई 2025 को भोपाल से वर्चुअल रूप से इंदौर मेट्रो को हरी झंडी दिखाई। इंदौर मेट्रो की शुरुआत 6.3 किलोमीटर लंबे सुपर प्रायोरिटी कॉरिडोर से होती है, जो गांधी नगर स्टेशन को सुपर कॉरिडोर-3 से जोड़ता है। पहले सेक्शन में 5 कार्यशील स्टेशन हैं, जिनमें सुपर कॉरिडोर-3, सुपर कॉरिडोर-4, सुपर कॉरिडोर-5, सुपर कॉरिडोर-6 और गांधी नगर स्टेशन शामिल हैं।
मेट्रो का किराया
इंदौर के निवासियों को मेट्रो का अनुभव प्रदान करने के लिए पहले 7 दिनों के लिए फ्री ट्रैवल सर्विस उपलब्ध होगी। इसके बाद, दूरी के अनुसार किराया लिया जाएगा, जो 20 से 30 रुपये के बीच हो सकता है। वर्तमान में, इंदौर मेट्रो में तीन कोच वाली ट्रेनें हैं, जिनमें से प्रत्येक कोच में 980 यात्री बैठ सकते हैं, जिससे एक बार में कुल 2940 यात्री यात्रा कर सकते हैं। भविष्य में, यात्रियों की बढ़ती मांग को देखते हुए कोच की संख्या बढ़ाकर 6 करने की योजना है।
मेट्रो की सुविधाएं
मेट्रो के संचालन को सुगम बनाने के लिए ट्रेनों में रीयल-टाइम ट्रैकिंग, AI आधारित नियंत्रण प्रणाली और क्यूआर कोड आधारित टिकटिंग की सुविधा होगी। इसके अलावा, इंदौर मेट्रो में प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर (PSD) भी शामिल है, जो यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है। यह एक सुरक्षा प्रणाली है, जो यात्रियों को गलती से पटरियों पर गिरने से बचाती है। इंदौर भारत का पहला शहर है जिसने भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) के सहयोग से PSD को लागू किया है।
भविष्य की योजनाएं
इंदौर मेट्रो की दीर्घकालिक योजना के तहत पूरे शहर में 28 स्टेशनों को शामिल किया जाएगा, जिसकी कुल लंबाई 31.32 किलोमीटर होगी। इस परियोजना की अनुमानित लागत 7,500.8 करोड़ रुपये होगी।