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इथियोपिया के ज्वालामुखी विस्फोट से दिल्ली में बढ़ी राख की समस्या, जानें क्या है असर

इथियोपिया के हेली गुब्बी ज्वालामुखी में हुए विस्फोट से उत्पन्न विशाल राख का बादल भारत की ओर बढ़ रहा है, जिसने दिल्ली समेत कई शहरों में हवाई उड़ानों को प्रभावित किया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग का अनुमान है कि यह गुबार जल्द ही चीन की ओर बढ़ जाएगा। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि इसका हवा की गुणवत्ता पर कोई गंभीर असर नहीं पड़ेगा। दिल्ली में पहले से ही प्रदूषण स्तर चिंताजनक है, जहां एक्यूआई 400 से ऊपर दर्ज किया गया है। जानें इस स्थिति का विस्तृत विश्लेषण।
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इथियोपिया के ज्वालामुखी विस्फोट से दिल्ली में बढ़ी राख की समस्या, जानें क्या है असर

ज्वालामुखी विस्फोट का प्रभाव


इथियोपिया के हेली गुब्बी ज्वालामुखी में हाल ही में हुए दुर्लभ विस्फोट से उत्पन्न विशाल राख का बादल भारत की ओर तेजी से बढ़ रहा है। यह बादल सोमवार रात को देश के उत्तर-पश्चिमी हिस्सों में पहुंच गया। लगभग 12,000 वर्षों के बाद सक्रिय हुए इस ज्वालामुखी से रविवार सुबह उठी राख ने दिल्ली समेत कई प्रमुख शहरों में हवाई उड़ानों को प्रभावित किया।


आईएमडी का अनुमान

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, यह राख का गुबार सोमवार रात लगभग 11 बजे दिल्ली के आसमान में दिखाई दिया और इसके बाद यह गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, पंजाब और हरियाणा की ओर बढ़ता गया। आईएमडी का अनुमान है कि यह गुबार मंगलवार शाम तक भारत की सीमाओं को पार कर चीन की ओर बढ़ जाएगा।


विशेषज्ञों की राय

हालांकि यह बादल दृश्यता को प्रभावित कर रहा है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इससे हवा की गुणवत्ता पर कोई गंभीर असर नहीं पड़ेगा। आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि ज्वालामुखीय राख वायुमंडल के ऊपरी स्तरों में है, इसलिए इसका प्रभाव जमीन के नजदीकी हवा पर नहीं दिखता। उन्होंने कहा कि बादल ऊंचाई पर होने के कारण प्रदूषण स्तर पर कोई सीधा प्रभाव नहीं पड़ेगा।


दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति

दिल्ली में प्रदूषण स्तर पहले से ही चिंताजनक है। पर्यावरण विशेषज्ञ विमलेंदु झा के अनुसार, राजधानी के कई निगरानी केंद्रों ने सोमवार को 400 से ऊपर का एक्यूआई दर्ज किया, जो 'गंभीर' श्रेणी में आता है। मंगलवार सुबह 8 बजे दिल्ली का औसत एक्यूआई 362 रहा, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दोपहर 2 बजे तक यह स्तर 356 दर्ज किया गया, जो अभी भी खतरनाक रूप से ऊंचा है।