उडुपी-कासरगोड बिजली पारेषण परियोजना की प्रगति से ऊर्जा सुरक्षा में सुधार
महत्वपूर्ण बिजली पारेषण परियोजना का विकास
कर्नाटक के उडुपी और केरल के कासरगोड के बीच एक महत्वपूर्ण बिजली पारेषण लाइन परियोजना अपने अंतिम चरणों में है। यह परियोजना क्षेत्रीय पावर ग्रिड को मजबूत करने और ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यह अंतर-राज्यीय पारेषण लाइन बिजली आपूर्ति की विश्वसनीयता को बढ़ाने और दोनों राज्यों के बीच बेहतर बिजली विनिमय को सुनिश्चित करने के लिए तैयार है।इस परियोजना में उच्च-तनाव पारेषण टावरों का निर्माण और विभिन्न इलाकों में बिजली लाइनों का विस्तार शामिल है। भूमि अधिग्रहण और पर्यावरणीय मंजूरी जैसी चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, कार्यान्वयन एजेंसियों ने इस बुनियादी ढांचे के महत्व को समझते हुए कार्य को आगे बढ़ाया है।
एक बार जब यह पूरी तरह से चालू हो जाएगी, तो उडुपी-कासरगोड पावर लाइन पारेषण बाधाओं को कम करने, बिजली कटौती को घटाने और दोनों राज्यों में बढ़ती बिजली की मांग को पूरा करने में मदद करेगी। यह उडुपी में स्थित थर्मल पावर प्लांट से केरल के उपभोग केंद्रों तक बिजली पहुंचाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
यह विकास भारत में एक मजबूत और एकीकृत बिजली पारेषण नेटवर्क बनाने के एक बड़े राष्ट्रीय प्रयास का हिस्सा है। ऐसे अंतर-राज्यीय परियोजनाओं का सफल समापन ऊर्जा समानता सुनिश्चित करने और अधिशेष क्षेत्रों से घाटे वाले क्षेत्रों तक बिजली के प्रवाह को सुगम बनाने में महत्वपूर्ण है। परियोजना की प्रगति क्षेत्रीय बिजली स्थिरता और आर्थिक विकास के लिए एक सकारात्मक संकेत है।