उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ने अधिकारियों की लापरवाही पर उठाए सवाल

UP मंत्री की चेतावनी
UP मंत्री की चेतावनी: उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने अपने विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली पर फिर से कड़ी नजर रखी है। शनिवार को उन्होंने बिजली विभाग की लापरवाही और असंवेदनशीलता के बारे में सार्वजनिक रूप से अपनी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। मंत्री ने न केवल विभागीय लापरवाही की आलोचना की, बल्कि एक वरिष्ठ अधिकारी और उपभोक्ता के बीच हुई बातचीत की ऑडियो क्लिप भी साझा की, जिसमें अधिकारी का असंवेदनशील व्यवहार स्पष्ट रूप से सुनाई दे रहा है।
ऑडियो क्लिप का वायरल होना
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ऊर्जा मंत्री ने बताया कि यह ऑडियो उन्हें एक वरिष्ठ सांसद द्वारा भेजा गया था, जो कई बार लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं। उन्होंने इस बातचीत को उदाहरण के रूप में पेश करते हुए कहा कि अधिकारियों में जनता की शिकायतों को सुनने और उनका समाधान करने के प्रति गंभीरता की कमी है।
जनता की समस्याओं का समाधान
जनता की समस्याओं का हल
मंत्री शर्मा ने अपने पोस्ट में लिखा, “मैंने तीन दिन पहले ही UPPCL के चेयरमैन, MD और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को स्पष्ट शब्दों में कहा था कि तकनीकी व्यवस्थाएं जैसे 1912 हेल्पलाइन, केवल सहायक हो सकती हैं, विकल्प नहीं। यदि मानवीय संपर्क नहीं रहेगा, तो जनता की समस्याओं का हल नहीं निकलेगा।”
अधिकारियों के व्यवहार पर सवाल
अधिकारियों के व्यवहार को बताया जनविरोधी
उन्होंने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि विभागीय अधिकारी अब उपभोक्ताओं के फोन तक नहीं उठा रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों के व्यवहार को अहंकारी और जनविरोधी बताया। शर्मा ने यह भी आरोप लगाया कि अधिकारियों ने विभागीय बैठकों में उन्हें गलत जानकारी दी। उन्होंने चेतावनी दी, “यदि अब भी सुधार नहीं हुआ, तो परिणाम भयंकर होंगे। अधिकारी और कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी समझें और जनता से शालीनता से बात करें।”
वॉट्सऐप संदेश का सार्वजनिक होना
वॉट्सऐप मैसेज किया सार्वजनिक
ऊर्जा मंत्री ने वह वॉट्सऐप संदेश भी सार्वजनिक किया जो उन्हें एक वरिष्ठ नेता ने भेजा था। इसमें लिखा था कि बस्ती जिले के एक मोहल्ले में सुबह 10 बजे से बिजली नहीं थी, और रात 8 बजे तक कोई अधिकारी फोन नहीं उठा रहा था। जब अधीक्षण अभियंता से संपर्क किया गया, तो उन्होंने असभ्य और उपेक्षापूर्ण तरीके से बात की।
विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल
विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल
इस पूरे घटनाक्रम ने न केवल बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी उजागर किया है कि सरकार के भीतर जवाबदेही की मांग कितनी सख्त होती जा रही है। अब देखना होगा कि ऊर्जा मंत्री की इस सख्ती से विभाग में कोई ठोस बदलाव आता है या नहीं।