उत्तर प्रदेश में जल जीवन मिशन: भ्रष्टाचार की परतें खुलती जा रही हैं

जल जीवन मिशन की वास्तविकता
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत 'हर घर शुद्ध जल' पहुंचाने का वादा केवल कागजों तक सीमित रह गया है। मंत्री और अधिकारी इस योजना के बारे में कई दावे कर रहे हैं, लेकिन वास्तविकता इससे बहुत दूर है। प्रदेश के अधिकांश गांवों में पानी की टंकियां नहीं बनी हैं, और जहां बनी हैं, वहां पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है। कई टंकियां तो जमींदोज हो चुकी हैं। इसके बावजूद, किसी बड़े अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारी बचते रहे हैं?
भ्रष्टाचार के आरोप
यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रमुख योजनाओं में से एक है। इसकी शुरुआत के बाद लोगों को स्वच्छ जल मिलने की उम्मीद थी, लेकिन समय के साथ यह योजना भ्रष्ट अधिकारियों और ठेकेदारों के हाथों में फंस गई। विपक्ष ने इस योजना में हो रहे भ्रष्टाचार पर सवाल उठाए हैं। जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने विपक्ष को चुप कराने की कोशिश की, लेकिन जब रिपोर्टर उनके गांव पहुंचे, तो पाया कि वहां भी लोगों को स्वच्छ जल नहीं मिल रहा है।
पड़ताल में चौंकाने वाले तथ्य
एक मीडिया चैनल ने जल जीवन मिशन के दावों की जांच की है, जिसमें कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और अन्य विधायकों के गांवों में इस योजना की वास्तविकता जानने की कोशिश की गई। जांच में पाया गया कि अधिकारियों ने 100 प्रतिशत काम पूरा होने का दावा किया था, जो पूरी तरह से गलत था। विधायकों ने भी अधिकारियों पर झूठ बोलने का आरोप लगाया।
अनुराग श्रीवास्तव पर सवाल
अनुराग श्रीवास्तव पर आखिर क्यों हैं मेहरबानी?
नमामि गंगे विभाग के अपर मुख्य सचिव अनुराग श्रीवास्तव का नाम इस संदर्भ में सबसे पहले आता है। पिछले 8 वर्षों से इसी विभाग में बने रहने के बावजूद उन पर कई अनियमितताओं के आरोप लगे हैं। इसके बावजूद, उनका कद लगातार बढ़ता गया है। यह सवाल उठता है कि आखिर क्यों उन्हें इस विभाग का प्रमुख बनाया गया है।
जल शक्ति मंत्री का जवाब
जल शक्ति मंत्री कसम खाकर बताएं क्या नहीं हुआ भ्रष्टाचार?
विधानसभा में विधायक मोहम्मद फहीम इरफान के सवाल पर जल शक्ति मंत्री भड़क गए थे। उन्होंने कहा था कि इरफान अपनी पत्नी की कसम खाकर बताएं कि गांवों में पानी नहीं आ रहा। अब जब इस योजना में भ्रष्टाचार की परतें खुलने लगी हैं, तो यह सवाल उठता है कि क्या जल शक्ति मंत्री कसम खाकर कहेंगे कि इस योजना में भ्रष्टाचार नहीं हुआ है?
गांवों में पानी की कमी
यूपी के ज्यादातर गांवों में नहीं पहुंचा पानी
मीडिया चैनल की टीम ने प्रदेश के कई गांवों में जाकर इसकी जांच की। जांच में पाया गया कि कई जगहों पर पानी की टंकियां भी नहीं बनी थीं। यह चैनल लगातार जल जीवन मिशन में हो रहे भ्रष्टाचार को उजागर कर रहा है।
फर्जी डाटा का खुलासा
पोर्टल पर दिखाया जा रहा फर्जी डाटा
सूत्रों के अनुसार, जल जीवन मिशन की वेबसाइट पर फर्जी डाटा प्रदर्शित किया जा रहा है। यह सब ठेकेदारों और अधिकारियों की मिलीभगत से किया जा रहा है। जहां काम आधा भी नहीं हुआ, उसे पूरा दिखाया जा रहा है। यदि इसकी जांच की जाए, तो कई बड़े भ्रष्टाचार सामने आ सकते हैं।