उत्तर प्रदेश में भूमि सर्किल रेट में वृद्धि: प्रॉपर्टी खरीदने में बढ़ेगा खर्च

भूमि सर्किल रेट में बढ़ोतरी का प्रभाव
उत्तर प्रदेश समाचार: हाल ही में उत्तर प्रदेश में भूमि सर्किल रेट में महत्वपूर्ण वृद्धि की गई है, जिसके चलते प्रॉपर्टी खरीदारों को कई जिलों में अधिक शुल्क चुकाना पड़ सकता है। यह निर्णय राज्य सरकार ने संपत्ति के मूल्यांकन को बेहतर बनाने और राजस्व विभाग की आय बढ़ाने के लिए लिया है।
जमीन खरीदने की प्रक्रिया में बदलाव
जमीन खरीदना अब कठिन हो गया है
गोंडा जिले में अचल संपत्ति की रजिस्ट्री के लिए अब खरीदारों को अधिक खर्च करना होगा। स्टांप शुल्क में डेढ़ से चार गुना तक की वृद्धि हो सकती है। जिलाधिकारी की अनुमति से नए सर्किल रेट नियम लागू किए गए हैं, जिसके तहत आठ गांवों को अर्ध-नगरीय क्षेत्र के रूप में मान्यता दी गई है, जिससे जमीन की कीमतें बढ़ गई हैं।
नए सर्किल रेट का कार्यान्वयन
जिला अधिकारी नेहा शर्मा की अनुमति से नए दरों को एक जून से लागू करने का निर्देश दिया गया है। आवासीय और वाणिज्यिक भूमि की दरों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। अब आठ गांवों को अर्ध-नगरीय क्षेत्र के रूप में घोषित किया गया है, जो पहले ग्रामीण क्षेत्र थे।
नए सर्किल रेट की जानकारी
नए सर्किल रेट कब लागू होंगे?
सूत्रों के अनुसार, खीरभारी, पूरे भोधर नगर, खरगूपुर नगर, और अन्य गांवों के क्षेत्रों में नए सर्किल रेट लागू होंगे। छावनी को नगरीय क्षेत्र की नई सूची से हटा दिया गया है, जिससे सरकारी राजस्व में वृद्धि होगी।
स्थानीय निवासियों के लिए सलाह
जिलाधिकारी ने सड़क के किनारे स्थित भूमि के लिए अलग-अलग सर्किल रेट लगाने की योजना में संशोधन किया है। सड़क से 50 मीटर की दूरी पर स्टांप ड्यूटी लागू होगी। नए सर्किल रेट कुछ दिनों में लागू होने की संभावना है। जो लोग भूमि खरीदने की योजना बना रहे हैं, वे इस बदलाव से पहले लेनदेन कर सकते हैं। स्थानीय लोग राजस्व विभाग और उप रजिस्ट्रार कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।