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उत्तर प्रदेश में स्कूल मर्ज योजना: शिक्षा व्यवस्था को सशक्त बनाने की पहल

उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए स्कूल मर्ज योजना की शुरुआत की है। इस योजना का उद्देश्य कम छात्र संख्या वाले सरकारी स्कूलों को बेहतर सुविधाओं वाले स्कूलों में मिलाना है। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव ने शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और छात्राओं के भविष्य के लिए बेहतर निर्णय लेने की आवश्यकता पर जोर दिया है। योजना के तहत, कम नामांकन वाले स्कूलों का चयन कर एक डाटाबेस तैयार किया जाएगा। इसके साथ ही, शिकायत निवारण और फीडबैक के लिए सेल बनाने की योजना भी है।
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उत्तर प्रदेश में स्कूल मर्ज योजना: शिक्षा व्यवस्था को सशक्त बनाने की पहल

उत्तर प्रदेश में स्कूल मर्ज योजना की शुरुआत


उत्तर प्रदेश समाचार: उत्तर प्रदेश सरकार ने सरकारी शिक्षा प्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए "स्कूल मर्ज योजना" का ऐलान किया है। यह योजना विशेष रूप से उन प्राथमिक और उच्च प्राथमिक सरकारी स्कूलों के लिए है, जिनमें छात्रों की संख्या कम है। योगी आदित्यनाथ की सरकार ने छोटे स्कूलों को एकीकृत करने का निर्णय लिया है। अब जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र भेजकर 30 जून तक इस पर निर्णय लेने का निर्देश दिया गया है। पत्र में कहा गया है कि 20 से कम छात्रों वाले स्कूलों को इस आदेश का पालन करना होगा। 


बेहतर सुविधाओं के साथ मेपिंग का कार्य

सुविधाओं में सुधार के लिए योजना

बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव सुरेंद्र कुमार ने कहा कि जिले में निर्देश जारी किए गए हैं कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाया जाए और छात्राओं के भविष्य के लिए बेहतर निर्णय लिए जाएं। पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि कम नामांकन वाले स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता और संसाधनों के दुरुपयोग की समस्या का समाधान करने का समय आ गया है। अब जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि वे स्कूल मर्ज योजना के तहत कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों का चयन कर एक डाटाबेस तैयार करें। इन विद्यालयों को नजदीकी और बेहतर सुविधाओं वाले विद्यालयों के साथ जोड़ने के लिए मेपिंग भी की जाएगी।


अधिकारियों के बीच संवाद और योजना

एकीकृत समय सारणी का निर्माण

स्कूलों के मर्जिंग के बाद, संचालकों के लिए एकीकृत समय सारणी बनाने की योजना बनाई जा रही है। सुरक्षित रखरखाव, संसाधनों का अभिलेखीकरण और उनका उचित उपयोग सुनिश्चित करना शिक्षकों की जिम्मेदारी होगी। इस समय, शिकायत निवारण और फीडबैक के लिए हर जिले में एक सेल बनाने की योजना है, जो त्वरित समाधान प्रदान करेगा। खंड शिक्षा अधिकारियों को स्थलीय भ्रमण करने के लिए कहा गया है, ताकि वे अवस्थापना, समावेशिता, नामांकन, और स्थानीय परिस्थितियों का आकलन कर सकें। मर्जिंग के दीर्घकालिक लाभ तब स्पष्ट होंगे, जब स्थानीय अभिभावकों, शिक्षक संघों और शिक्षकों से बातचीत करके उनकी सहमति प्राप्त की जाएगी। परिषद को बेसिक शिक्षा, अधिकारी विकास मुख्य अधिकारी और जिलाधिकारी के साथ मिलकर सलाह देने का निर्देश दिया गया है।