उत्तराखंड में जमीन घोटाले के चलते 12 अधिकारियों का निलंबन

उत्तराखंड में बड़ा प्रशासनिक कदम
उत्तराखंड समाचार: उत्तराखंड से एक महत्वपूर्ण खबर आई है। राज्य सरकार ने हरिद्वार के जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह और नगर निगम के आयुक्त वरुण चौधरी को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही, एक PCS अधिकारी अजय वीर सहित लगभग 10 अन्य अधिकारियों को भी निलंबित किया गया है। यह कार्रवाई एक जमीन घोटाले से संबंधित है।
महंगी दर पर खरीदी गई जमीन
मार्केट मूल्य से तीन गुना अधिक कीमत
हरिद्वार नगर निगम ने सराग गांव में कृषि भूमि को बाजार मूल्य से तीन गुना अधिक कीमत पर 54 करोड़ रुपये में खरीदा था। जब यह मामला उजागर हुआ, तो पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मामले की जांच के आदेश दिए। जांच में यह पाया गया कि जमीन खरीदने की कोई आवश्यकता नहीं थी, फिर भी नियमों की अनदेखी करते हुए यह खरीद की गई।
जांच के आदेश और कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने जांच का दिया था आदेश
सीएम ने इस मामले की जांच गन्ना और चीनी सचिव रणवीर सिंह चौहान को सौंपी थी। उन्होंने 29 मई को अपनी रिपोर्ट सरकार को प्रस्तुत की। इस रिपोर्ट के आधार पर, मुख्यमंत्री ने मंगलवार को 7 अधिकारियों को निलंबित कर दिया। अब तक, लगभग 12 अधिकारियों को निलंबित किया जा चुका है, जिनमें 2 IAS और 1 PCS अधिकारी शामिल हैं।
पहले की गई कार्रवाई
इन अधिकारियों पर पहले ही हो चुका है एक्शन
इस मामले में पहले ही हरिद्वार नगर निगम के प्रभारी अधिशासी अभियंता आनंद कुमार मिश्रवाण, कर एवं राजस्व अधीक्षक लक्ष्मीकांत भट्ट, और अवर अभियंता दिनेश चंद कांडपाल को निलंबित किया जा चुका है। इसके अलावा, प्रभारी सहायक नगर आयुक्त रविंद्र कुमार दयाल और संपत्ति लिपिक का सेवा विस्तार भी समाप्त कर दिया गया था।
सीएम का स्पष्ट संदेश
‘पद’ से ज्यादा ‘कर्तव्य’ है महत्वपूर्ण
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड में ‘पद’ नहीं, बल्कि ‘कर्तव्य’ और ‘जवाबदेही’ महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने भ्रष्टाचार मुक्त कार्य संस्कृति विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। सभी लोक सेवकों को इसके मानकों पर खरा उतरना होगा।
विजिलेंस टीम करेगी जांच
दोषियों की पहचान के लिए विस्तृत जांच
मुख्यमंत्री ने इस मामले में दोषियों की पहचान के लिए सतर्कता विभाग को विस्तृत जांच के निर्देश दिए हैं। उन्होंने भूमि घोटाले से संबंधित विक्रय पत्र को निरस्त करने और भूस्वामियों से धन की वसूली के भी आदेश दिए हैं। इसके साथ ही, नगर आयुक्त वरुण चौधरी के कार्यकाल के दौरान हुए सभी कार्यों का विशेष ऑडिट कराने के निर्देश भी दिए गए हैं।
अब तक की कार्रवाई का विवरण
निलंबित अधिकारियों की सूची
कर्मेन्द्र सिंह - जिलाधिकारी और नगर निगम हरिद्वार के तत्कालीन प्रशासक (निलंबित)
वरुण चौधरी - नगर आयुक्त, नगर निगम हरिद्वार (निलंबित)
अजयवीर सिंह - उपजिलाधिकारी हरिद्वार (निलंबित)
निकिता बिष्ट - वरिष्ठ वित्त अधिकारी, नगर निगम हरिद्वार (निलंबित)
विक्की - वरिष्ठ वैयक्तिक सहायक (निलंबित)
राजेश कुमार - रजिस्ट्रार कानूनगो, तहसील हरिद्वार (निलंबित)
कमलदास - मुख्य प्रशासनिक अधिकारी, तहसील हरिद्वार (निलंबित)
पूर्व में की गई कार्रवाई
अन्य निलंबित अधिकारियों की जानकारी
रविंद्र कुमार दयाल - प्रभारी सहायक नगर आयुक्त (सेवा समाप्त)
आनंद सिंह मिश्रवाण - प्रभारी अधिशासी अभियंता (निलंबित)
लक्ष्मी कांत भट्ट - कर एवं राजस्व अधीक्षक (निलंबित)
दिनेश चंद्र कांडपाल - अवर अभियंता (निलंबित)
वेदपाल - सम्पत्ति लिपिक (सेवा विस्तार समाप्त)