उत्तराखंड में बारिश से तबाही: गांवों में बाढ़ का खतरा
उत्तराखंड में बारिश का कहर
उत्तराखंड के ऊपरी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन को प्रभावित कर दिया है। पहाड़ों में भूस्खलन हो रहा है और नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। रामनगर के चुकुम गांव में स्थिति अत्यंत गंभीर है, जहां कोसी नदी ने भारी तबाही मचाई है। गांव के चार मकान, जिसमें पूर्व ग्राम प्रधान जस्सी राम का घर भी शामिल है, तेज बहाव में बह गए हैं। प्रशासन ने स्थिति को देखते हुए छह घरों को खाली कराया और प्रभावित परिवारों को नजदीकी प्राथमिक स्कूल में अस्थायी रूप से शिफ्ट किया है। लगातार कटाव के कारण कई अन्य मकान भी खतरे में हैं।एसडीएम प्रमोद कुमार ने बताया कि मंगलवार को अचानक नदी का जलस्तर बढ़ने से जय किशन और उनकी मां लीला देवी का घर बह गया। रात में जस्सी राम और शंकर राम के मकान भी नदी में समा गए। अल्मोड़ा की ओर से पानी छोड़े जाने के बाद कोसी और अधिक उफान पर आ गई। प्रशासन की टीम बुधवार को चुकुम गांव का दौरा करेगी।
भरतपुरी और दुर्गापुरी मोहल्लों में भी पानी घुस आया है, जिससे स्थानीय लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
गरमपानी क्षेत्र में भी स्थिति बिगड़ गई है, जहां कोसी की लहरें तीन परिवारों को अपने घर छोड़ने पर मजबूर कर चुकी हैं। धारी ब्लॉक के कई घरों में मलबा और पानी घुस गया है, जिससे नुकसान हुआ है। कई मकानों में दरारें आ गई हैं और कुछ पूरी तरह असुरक्षित हो चुके हैं।
तेज बारिश और कटाव का असर खेती पर भी पड़ा है। चिनिया गांव के सामाजिक कार्यकर्ता राजू कुमार ने बताया कि कई किसानों के घरों की चारदीवारी और आंगन तक टूट चुके हैं। स्थानीय प्रशासन को इस स्थिति की जानकारी दी जा चुकी है और राहत-बचाव टीमों को अलर्ट पर रखा गया है।
तहसीलदार नेहा टम्टा ने बताया कि गरमपानी में कोसी के किनारे बसे तीन परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है। धारी गांव में भगवत सिंह जंतवाल के मकान में दरारें आ गई हैं। परिवार ने फिलहाल किसी रिश्तेदार के यहां शरण ली है। रामगढ़ के सतबुंगा गांव में हरेंद्र बिष्ट की आधा कुंतल मटर की फसल बारिश में बर्बाद हो गई है। मोहनको चौराहे पर स्थित एक रेस्टोरेंट में पानी घुसने से हजारों का नुकसान हुआ है।