उत्तराखंड में भूस्खलन: भारतीय सेना की त्वरित बचाव कार्रवाई

उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा
उत्तराखंड में भूस्खलन: उत्तराखंड के धराली क्षेत्र में बादल फटने के कारण एक गंभीर भूस्खलन ने स्थानीय निवासियों को हिलाकर रख दिया। इस प्राकृतिक आपदा के बाद भारतीय सेना ने अपनी तत्परता और मानवता के प्रति समर्पण का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया। यह घटना मंगलवार, 5 अगस्त को दोपहर लगभग 1:45 बजे हर्षिल से करीब 4 किलोमीटर दूर धराली गांव के पास हुई।
भूस्खलन का प्रभाव
यह क्षेत्र अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन इस अप्रत्याशित घटना ने स्थानीय लोगों और पर्यटकों में भय का माहौल पैदा कर दिया। भूस्खलन के कारण कई लोग मलबे में फंस गए, जिससे तत्काल बचाव कार्य की आवश्यकता उत्पन्न हुई। भारतीय सेना ने तत्परता से 150 कर्मियों को तैनात किया, जो 10 मिनट के भीतर घटनास्थल पर पहुंच गए और तुरंत बचाव कार्य शुरू कर दिया।
भारतीय सेना की त्वरित प्रतिक्रिया
भारतीय सेना ने इस आपदा के प्रति त्वरित कार्रवाई की। हर्षिल स्थित सेना शिविर से 150 प्रशिक्षित सैनिकों की एक टुकड़ी को 10 मिनट के भीतर घटनास्थल पर भेजा गया। सेना ने बिना किसी देरी के बचाव अभियान शुरू किया, जिसमें उनकी दक्षता और समर्पण स्पष्ट रूप से दिखाई दिया। इस त्वरित कदम ने कई जिंदगियों को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
बचाव कार्यों की प्रगति
अब तक, भारतीय सेना ने 15-20 लोगों को सुरक्षित रूप से मलबे से निकाला है। घायलों को तुरंत हर्षिल के सेना चिकित्सा केंद्र में ले जाया गया, जहां उन्हें प्राथमिक उपचार और आवश्यक चिकित्सा देखभाल प्रदान की जा रही है। खोज और बचाव कार्य अभी भी जारी है। सेना ने अपने सभी संसाधनों को इस मिशन में झोंक दिया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी पीड़ित मलबे में न रह जाए।
सेना की प्रतिबद्धता
भारतीय सेना ने इस आपदा के दौरान अपनी मानवीय जिम्मेदारी को बखूबी निभाया है। स्थिति पर निरंतर निगरानी रखी जा रही है, और सेना प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए कटिबद्ध है। स्थानीय प्रशासन और अन्य आपदा प्रबंधन टीमें भी सेना के साथ मिलकर कार्य कर रही हैं ताकि प्रभावित क्षेत्र में सामान्य स्थिति बहाल की जा सके।