करनाल में कंदीय फसलों के लिए नया रिसर्च सेंटर स्थापित
                           
                        करनाल, (कंदीय फसलें)।
कंदीय फसलों को लंबे समय से नजरअंदाज किया जा रहा था, लेकिन अब इन्हें हेल्थ के लिए सुपरफूड माना जा रहा है। हरियाणा में इन फसलों को बेहतर तरीके से उगाने के लिए रिसर्च का कार्य शुरू किया गया है। करनाल का महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय (एमएचयू) अब सेंट्रल ट्यूबर क्रॉप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीटीसीआरआई), तिरुवनंतपुरम (केरल) के नेतृत्व में ऑल इंडिया कोऑर्डिनेटेड रिसर्च प्रोजेक्ट का 24वां केंद्र बन गया है। यह केंद्र स्थानीय जलवायु के अनुसार न्यूट्रिएंट्स से भरपूर कंदीय सब्जियों की नई किस्मों और तकनीकों का विकास करेगा।
कंदीय फसलों की विशेषताएँ
कंदीय फसलों में आलू, प्याज और लहसुन जैसी लोकप्रिय फसलें शामिल हैं, लेकिन शकरकंदी, अरबी और जिमीकंद जैसी कई अन्य स्वास्थ्यवर्धक फसलें भी हैं। हालांकि, देश में इनकी किस्में बहुत कम हैं और विभिन्न जलवायु में ये फसलें उगती हैं या नहीं उगतीं। कई फसलों में मिनरल्स और न्यूट्रिएंट्स की कमी भी पाई जाती है। एमएचयू करनाल के वाइस चांसलर डॉ. सुरेश मल्होत्रा ने बताया कि देश में कंदीय फसलों पर रिसर्च के लिए केवल सीटीसीआरआई, तिरुवनंतपुरम ही है। इसके तहत 23 विश्वविद्यालयों और रिसर्च संस्थानों को जोड़ा गया है, जहां विभिन्न कंद वाली फसलों पर काम किया जा रहा है।
करनाल का नया योगदान
डॉ. मल्होत्रा ने कहा कि अब इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च (आईसीएआर) और केंद्रीय सरकार ने करनाल के एमएचयू को भी इस परियोजना में शामिल किया है, जिससे यह देश का 24वां केंद्र बन गया है।
जेनेटिक परिवर्तन और पोषण
वाइस चांसलर ने बताया कि हरियाणा की जलवायु में एमएचयू विशेष रूप से शकरकंदी, अरबी और जिमीकंद पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। नई किस्मों का विकास, उत्पादन तकनीक और पौधों की सुरक्षा पर अनुसंधान किया जाएगा। इनमें विटामिन-ए, बी कॉम्प्लेक्स, जिंक, आयरन और मैग्नीशियम जैसे न्यूट्रिएंट्स जोड़े जाएंगे। इसके लिए पौधों में जेनेटिक मॉडिफिकेशन भी किया जाएगा। डॉ. सुरेश मल्होत्रा ने कहा कि हर व्यक्ति को प्रतिदिन 300 ग्राम सब्जियाँ खानी चाहिए, जिसमें कम से कम 50 ग्राम कंदीय सब्जियाँ शामिल हों। इससे शरीर की न्यूट्रिएंट्स की आवश्यकता पूरी होती है। आलू के अलावा अन्य कंदीय फसलों को भी आहार में शामिल करना आवश्यक है।
