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कर्नाटक में सरकारी स्कूलों में RSS गतिविधियों पर रोक लगाने का निर्णय

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में RSS की गतिविधियों पर रोक लगाने का निर्णय लिया है। मंत्री प्रियंक खरगे ने इस संबंध में मुख्यमंत्री से अनुरोध किया था, जिसमें सरकारी कर्मचारियों को RSS के कार्यक्रमों में भाग लेने से रोकने की बात कही गई। प्रियंक ने आचरण नियमों का हवाला देते हुए स्पष्ट निर्देश जारी करने की मांग की। इसके अलावा, उन्होंने धमकियों का भी दावा किया है, जिसके बाद उनकी सुरक्षा बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। जानें इस फैसले के पीछे की पूरी कहानी और राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ।
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कर्नाटक में सरकारी स्कूलों में RSS गतिविधियों पर रोक लगाने का निर्णय

मुख्यमंत्री का निर्णय

बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की गतिविधियों पर रोक लगाने का निर्णय लिया है। इस बात की जानकारी राज्य के मंत्री प्रियंक खरगे ने गुरुवार को दी।


मंत्री का आग्रह

कर्नाटक के मंत्री प्रियंक खरगे ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया था कि सरकारी कर्मचारियों को RSS और अन्य संगठनों द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में भाग लेने से सख्ती से रोका जाए। उन्होंने इस आग्रह को कर्नाटक सिविल सेवा (आचरण) नियमों का हवाला देकर मजबूत किया।


आचरण नियमों का संदर्भ

प्रियंक खरगे ने 13 अक्टूबर को मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में नियमों के कुछ अंश उद्धृत किए, जिसमें कहा गया है कि कोई सरकारी कर्मचारी किसी राजनीतिक दल या संगठन का सदस्य नहीं होगा और न ही किसी राजनीतिक गतिविधि में भाग लेगा।


धमकी का दावा

मंत्री ने हाल ही में मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में RSS की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया। उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्हें फोन पर धमकियां मिली हैं, हालांकि उन्होंने अभी तक पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं कराई है।


सुरक्षा बढ़ाने का निर्णय

प्रियंक खरगे ने एक वीडियो साझा किया, जिसमें उन्हें फोन करने वाला एक व्यक्ति गाली दे रहा था और गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दे रहा था। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रियंक की सुरक्षा बढ़ा दी जाएगी, जबकि गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने मामले को गंभीरता से लेने की बात कही। भारतीय जनता पार्टी ने प्रियंक खरगे के इस रुख की आलोचना की है।