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कुरुक्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव 2025: सांस्कृतिक संध्या की तैयारी

कुरुक्षेत्र में आयोजित होने वाला अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव 2025, 24 नवंबर से 1 दिसंबर तक चलेगा। इस महोत्सव में प्रसिद्ध सूफी गायक कंवर ग्रेवाल सहित कई अन्य कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे। ब्रह्मसरोवर पुरुषोत्तमपुरा बाग में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें विभिन्न प्रकार की बेडशीट और टैराकोटा की सजावटी वस्तुएं भी प्रदर्शित की जाएंगी। जानें इस महोत्सव की खासियतें और कार्यक्रम की पूरी जानकारी।
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कुरुक्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव 2025: सांस्कृतिक संध्या की तैयारी

कुरुक्षेत्र में गीता महोत्सव की भव्यता

कुरुक्षेत्र (Kurukshetra Gita Mahotsav 2025): इस वर्ष के अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में प्रसिद्ध सूफी गायक कंवर ग्रेवाल 25 नवंबर को सांस्कृतिक संध्या का हिस्सा बनेंगे। उनके साथ टीवी के जाने-माने अभिनेता पुनित इस्सर, गायक सुरेश वाडेकर और भजन गायक अनूप जलोटा भी इस महोत्सव में शामिल होंगे।


ये सभी कलाकार ब्रह्मसरोवर पुरुषोत्तमपुरा बाग के मुख्य मंच पर शाम छह बजे अपनी प्रस्तुतियां देंगे। कार्यक्रम 24 नवंबर से 1 दिसंबर तक आयोजित किया जाएगा।


कंवर ग्रेवाल का सूफियाना कार्यक्रम

कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मानद सचिव उपेंद्र सिंघल ने बताया कि इस साल भी ब्रह्मसरोवर पुरुषोत्तमपुरा बाग में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए मुख्य मंच तैयार किया जा रहा है।


सायंकालीन सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आयोजन हरियाणा कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग चंडीगढ़ और उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला केंद्र पटियाला के सहयोग से किया जाएगा।


25 नवंबर को कंवर ग्रेवाल अपनी प्रस्तुति देंगे, इसके बाद 26 नवंबर को पुनित इस्सर, 27 को सुरेश वाडेकर, 28 को रामायण, 29 को डॉ. हरिओम पंवार, 30 को साध्वी पूर्णिमा और 1 दिसंबर को अनूप जलोटा अपनी प्रस्तुतियां देंगे। सभी कलाकार गीता और महाभारत पर आधारित कार्यक्रम पेश करेंगे।


पर्यटकों के लिए महोत्सव का आकर्षण

सरस और शिल्प मेले में पर्यटक और श्रद्धालु दूर-दूर से आ रहे हैं। यहां वे खरीदारी भी कर रहे हैं। महोत्सव में स्टॉल नंबर 137 पर उत्तर प्रदेश के बागपत से लाई गई बेडशीट विशेष आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।


दिलशाद अली ने बताया कि यह उनका पहला गीता महोत्सव है। उनकी स्टॉल पर रोजमर्रा के उपयोग की कोटन की बेडशीट उपलब्ध हैं। डबल बेडशीट की कीमत 550 से 950 रुपये और सिंगल बेडशीट की कीमत 300 से 400 रुपये तक है।


इन बेडशीट्स का निर्माण उनके परिवार द्वारा किया जाता है, जिसमें आठ लोग शामिल हैं। इनकी खासियत यह है कि रंग नहीं निकलता और ये विभिन्न डिजाइनों में उपलब्ध हैं।


बेडशीट बनाने की प्रक्रिया में रंगीन धागों का उपयोग किया जाता है, फिर बीम तैयार की जाती है, उसके बाद बाबैन किया जाता है और अंत में विटिंग होती है। इसके बाद इन्हें सुखाकर बाजार में बेचा जाता है।


श्री कृष्ण की मूर्ति का आकर्षण

सरस और शिल्प मेले में पर्यटक घरेलू सामान के साथ-साथ टैराकोटा से बनी सजावटी वस्तुओं की खरीदारी भी कर रहे हैं। स्टॉल 216 पर पानीपत से आए संदीप कुमार ने बताया कि वे हर साल इस मेले में आते हैं और टैराकोटा की चीजें बेचते हैं।


उनके पास 50 से 1800 रुपये तक की हाथ से बनी टैराकोटा की वस्तुएं हैं। इनमें भगवान शंकर और भगवान कृष्ण की सुंदर मूर्तियां शामिल हैं, साथ ही सजावटी गमले भी हैं जिनमें चलते फिरते सजावटी कछुए हैं।


संदीप ने बताया कि वे देशभर में मेलों में भाग लेते हैं और उनकी वस्तुएं हर जगह पसंद की जाती हैं।