कुरुक्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव की भव्य तैयारी
कुरुक्षेत्र में गीता जयंती महोत्सव का आगाज
कुरुक्षेत्र (अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव)। धर्मनगरी में तीन दिन बाद जब गीता जयंती महोत्सव शुरू होगा, तब पूरा शहर भक्तिमय वातावरण में डूबा नजर आएगा। गीता के उपदेशों और भगवान श्रीकृष्ण की पावन भूमि पर श्रद्धा, संस्कृति और पर्यटन का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा। महोत्सव की तैयारियों में जिला प्रशासन और कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड जुटे हुए हैं।
कुरुक्षेत्र को सजाया गया है
शहर के चौक-चौराहों और मुख्य सड़कों पर रंग-बिरंगी लाइटें लगाई जा रही हैं और दीवारों पर गीता के श्लोकों और महाभारत के प्रसंगों की पेंटिंग्स बनाई जा रही हैं। ब्रह्मसरोवर परिसर को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है, जबकि मेला ग्राउंड में झूले भी लगाए जा चुके हैं।
शिल्प मेले की तैयारियां
सरल और शिल्प मेले की तैयारियां भी शुरू हो चुकी हैं। शिल्पकारों को दुकानों का आवंटन किया जा रहा है, और स्थानीय कलाकार तथा स्वयं सहायता समूह अपने उत्पादों की प्रदर्शनी के लिए तैयारियों में जुटे हैं। धर्मनगरी गीता के ज्ञान और सांस्कृतिक वैभव से आलोकित होगी।
यादगार लम्हों का प्रदर्शन
देश के विभिन्न धार्मिक और पर्यटन स्थलों पर अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के यादगार लम्हों को प्रदर्शित किया जाएगा। इसके लिए सूचना जनसंपर्क एवं भाषा विभाग द्वारा कई प्रबंध किए जा रहे हैं। विशेष प्रचार वाहन उज्जैन, अयोध्या, प्रयागराज, मथुरा, वृंदावन जैसे तीर्थ स्थलों पर भी पहुंचेंगे।
डिजिटल प्लेटफार्म पर प्रसारण
अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव को डिजिटल प्लेटफार्म पर दिखाने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं। सूचना जनसंपर्क विभाग के सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर महोत्सव के महत्वपूर्ण लम्हों को साझा किया जाएगा।
मुख्य आयोजन 24 नवंबर से
कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मानद सचिव उपेंद्र सिंघल ने बताया कि मुख्य कार्यक्रमों की रूपरेखा लगभग तैयार है। 24 नवंबर से ब्रह्मसरोवर परिसर में धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक कार्यक्रमों की श्रृंखला शुरू होगी। मेले का शुभारंभ 15 नवंबर को राज्यपाल प्रो. असीम घोष करेंगे।
हरियाणा पैवेलियन का आकर्षण
गीता जयंती महोत्सव में पुरूषोत्तमपुरा बाग में हरियाणा पैवेलियन और मध्य प्रदेश पैवेलियन विशेष आकर्षण का केंद्र रहेंगे। यहां लोक संस्कृति, कला, साहित्य और अध्यात्म का संगम देखने को मिलेगा।
