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केंद्र सरकार की वित्तीय सहायता से राज्यों को मिलेगी बड़ी राहत

केंद्र सरकार ने राज्यों को वित्तीय सहायता देने की योजना की घोषणा की है, जिससे उन्हें विकास कार्यों के लिए आवश्यक फंड की कमी नहीं होगी। रिपोर्ट के अनुसार, GST की दरों में संभावित बदलावों के बावजूद राज्यों की आय पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा। राज्यों को SGST और केंद्रीय करों के वितरण के माध्यम से कुल 51 लाख करोड़ रुपये प्राप्त होंगे। यह जानकारी राज्यों के लिए एक बड़ी राहत है, जिससे वे अपने विकास लक्ष्यों को बिना किसी वित्तीय बाधा के पूरा कर सकेंगे।
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केंद्र सरकार की वित्तीय सहायता से राज्यों को मिलेगी बड़ी राहत

राज्यों के लिए वित्तीय सहायता की नई योजना

केंद्र सरकार ने राज्यों को वित्तीय मोर्चे पर एक महत्वपूर्ण सूचना दी है। एक नई रिपोर्ट के अनुसार, वस्तु एवं सेवा कर (GST) की दरों में संभावित बदलावों के बावजूद राज्यों की आय पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा। अनुमान है कि राज्यों को राज्य जीएसटी (SGST) और केंद्रीय करों के वितरण के माध्यम से कुल मिलाकर लगभग 51 लाख करोड़ रुपये प्राप्त होंगे।


इस विशाल राशि में से, राज्यों को अकेले SGST से लगभग 10 लाख करोड़ रुपये की आय होने की उम्मीद है। SGST वह कर है जो किसी भी सामान या सेवा की राज्य के भीतर बिक्री पर लागू होता है और यह सीधे राज्य सरकार के खजाने में जाता है।


इसके अतिरिक्त, राज्यों को केंद्रीय करों के वितरण के हिस्से के रूप में एक बड़ी राशि मिलेगी। केंद्र सरकार द्वारा इकट्ठा किए गए सभी करों (जैसे, आयकर, कॉर्पोरेट कर आदि) का एक हिस्सा राज्यों के साथ साझा किया जाता है। इस मद में राज्यों को लगभग 41 लाख करोड़ रुपये दिए जाएंगे।


यह जानकारी इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल ही में यह चर्चा चल रही थी कि सरकार GST की दरों में कुछ बदलाव कर सकती है। इस रिपोर्ट के प्रकाश में यह स्पष्ट हो गया है कि यदि GST दरों में कोई परिवर्तन होता है, तो भी राज्यों की वित्तीय स्थिति पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा और उनके पास विकास कार्यों के लिए आवश्यक फंड की कमी नहीं होगी।


यह अनुमान राज्यों को एक बड़ी राहत प्रदान करता है और यह सुनिश्चित करता है कि वे अपने विकास लक्ष्यों और योजनाओं को बिना किसी वित्तीय बाधा के पूरा कर सकें।