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केरल में स्टार्टअप और ट्रेड यूनियन के बीच तनाव: क्या है पूरा मामला?

केरल के कोच्चि में एक स्टार्टअप कंपनी और ट्रेड यूनियन कार्यकर्ताओं के बीच चार दिनों से चल रहा तनाव अब समाप्त हो गया है। यह विवाद भारी ग्लास पैनलों को उतारने को लेकर शुरू हुआ था, जिसमें तकनीकी प्रशिक्षण और सुरक्षा उपकरणों की कमी पर बहस हुई। इस मुद्दे ने राज्य के औद्योगिक माहौल को लेकर एक बड़ी चर्चा को जन्म दिया है। क्या सरकार इस समस्या का समाधान कर पाएगी? जानें पूरी कहानी में।
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केरल में स्टार्टअप और ट्रेड यूनियन के बीच तनाव: क्या है पूरा मामला?

कोच्चि में स्टार्टअप और यूनियन का टकराव

Kochi Startup Union Clash: केरल के कोच्चि में एक स्टार्टअप कंपनी और ट्रेड यूनियन कार्यकर्ताओं के बीच चार दिनों से चल रहा तनाव अब समाप्त हो गया है। यह विवाद एक निर्माण स्थल पर भारी और नाजुक ग्लास पैनलों को उतारने को लेकर शुरू हुआ था, जिसमें यूनियन कार्यकर्ता तकनीकी प्रशिक्षण और सुरक्षा उपकरणों के बिना काम करने पर अड़े हुए थे। इस मुद्दे ने तब और तूल पकड़ा जब इंटीरियर डिजाइन कंपनी के सह-संस्थापक ने सोशल मीडिया पर 'केरल में व्यवसाय शुरू करने की कड़वी सच्चाई' साझा की। मलयालम मीडिया में भी यह विषय काफी चर्चा का कारण बना, जिससे राज्य के औद्योगिक माहौल और श्रम व्यवस्था पर बहस छिड़ गई।


विवाद का आरंभ

विवाद का कारण

यह विवाद मंगलवार को तब शुरू हुआ जब सीआईटीयू से जुड़े ट्रेड यूनियन कार्यकर्ताओं ने 85 किलोग्राम वजनी 100 से अधिक ग्लास पैनलों को खुद उतारने की मांग की। कंपनी ने स्पष्ट किया कि यह कार्य केवल प्रशिक्षित और सुरक्षा उपायों से लैस कर्मचारियों द्वारा ही किया जा सकता है, जिससे टकराव की स्थिति उत्पन्न हुई।


सीआईटीयू की भूमिका

सीआईटीयू की सीमित मदद

आइडिया हाउस कोवर्किंग के सह-संस्थापक लुईस इसाक ने HT.com से बातचीत में कहा, 'सीआईटीयू ने प्रशिक्षित श्रमिक भेजे, लेकिन उन्होंने सामग्री को केवल 10 मीटर की दूरी तक पहुंचाया। इसके बाद का कार्य हमें स्वयं करना पड़ा। यूनियन ने इसके लिए हमसे 30,000 रुपये लिए।'


नोक्कू कुली प्रथा

नोक्कू कुली की वापसी

इस घटना ने केरल में पहले से प्रतिबंधित 'नोक्कू कुली' प्रथा को फिर से चर्चा में ला दिया है। यह वह शुल्क है जो ट्रेड यूनियन कार्यकर्ता किसी कार्य को करते हुए या केवल देखने के लिए भी लेते हैं। 2018 में राज्य की वामपंथी सरकार ने इस पर प्रतिबंध लगाया था, लेकिन यह आज भी कई क्षेत्रों में जारी है।


सरकार से मांगें

उद्यमियों और CM विजयन

इसाक ने कहा, 'सरकार को या तो यूनियन को भंग करना चाहिए या उन्हें उचित तकनीकी और सुरक्षा प्रशिक्षण देना चाहिए। अन्यथा, हम उनका सहयोग नहीं करेंगे।' उन्होंने यह भी बताया कि केरल के स्टार्टअप फाउंडर्स का एक समूह मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन से मुलाकात कर अपनी मांगें रखने की योजना बना रहा है। यदि समाधान नहीं निकला, तो वे राज्यव्यापी उद्यमी रैली आयोजित करने की योजना भी बना रहे हैं। विवाद के दौरान स्थिति इतनी बिगड़ गई कि पुलिस को हस्तक्षेप कर दोनों पक्षों के श्रमिकों और उद्यमियों (इसाक और उनके साथी एंटो रैफी) को थाने बुलाकर मध्यस्थता करनी पड़ी।


पुरानी घटना की चर्चा

पहले की घटना भी आई चर्चा में

इस विवाद के साथ ही एक पुरानी घटना भी चर्चा में आ गई, जिसमें जून महीने में कोच्चि की एक कार डीलरशिप के कर्मचारी की मौत हो गई थी। जानकारी के अनुसार, यह दुर्घटना उस समय हुई जब एक वर्कर ट्रेलर से लक्जरी कार रेंज रोवर नीचे ला रहा था।