कैथल में धान की पैदावार में गिरावट, किसानों को हो रहा भारी नुकसान
बारिश ने किसानों को किया प्रभावित
कैथल, (धान की पैदावार): इस वर्ष बारिश ने किसानों की स्थिति को गंभीर बना दिया है। धान की उपज में कमी आई है, जिससे मंडी में कीमतें भी गिर गई हैं, और किसानों को दोगुना नुकसान उठाना पड़ रहा है। उम्मीद के विपरीत न तो फसल अच्छी हुई और न ही उचित दाम मिले। अधिकांश किसान मजबूरन अपने धान को औने-पौने दामों पर बेचने को विवश हैं।
जिले में धान की रोपाई
साढ़े तीन लाख एकड़ में धान की खेती
कैथल में इस बार साढ़े तीन लाख एकड़ से अधिक क्षेत्र में धान की खेती की गई है। इसमें 50% क्षेत्र में पीआर, 1121, 1509, 1718, 1885 किस्में उगाई गई हैं, जबकि कुछ किसानों ने सरबती-बासमती भी उगाई हैं। पिछले दो वर्षों में 1121 की कीमत 4500-4600 रुपये प्रति क्विंटल थी, जो अब घटकर 3800-4000 रुपये रह गई है। इसी तरह, 1509 की कीमत पिछले साल 3300-3400 रुपये थी, जो अब 2900-3100 रुपये हो गई है। निजी कंपनियां भी कम दाम पर खरीद रही हैं। खाद, बीज और दवाइयों की कीमतें बढ़ गई हैं, जबकि फसल की कीमतें गिर गई हैं। किसान सरकार से MSP तय करने की मांग कर रहे हैं, अन्यथा खेती घाटे में चली जाएगी।
कम दामों से किसानों को नुकसान
ठेके पर खेती करने वाले सबसे अधिक प्रभावित
कम दामों के कारण ठेके पर खेती करने वाले किसान सबसे अधिक संकट में हैं। उन्होंने 65-75 हजार रुपये प्रति एकड़ का ठेका लिया था, लेकिन एक एकड़ से केवल 40-45 हजार रुपये की फसल प्राप्त हुई, जिससे उन्हें भारी नुकसान हुआ है।
ठेका पूरा नहीं हुआ
किसानों की समस्याएं
ठेके पर खेती करने वाले किसान राजेंद्र और राजेश ने बताया कि बारिश के कारण उनकी फसल बर्बाद हो गई। पैदावार में कमी आई है और ठेका अधूरा रह गया है, जिससे उनकी लागत भी नहीं निकल पाई। हर साल दामों में उतार-चढ़ाव होता है। किसान सरकार से MSP देने की मांग कर रहे हैं ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
कृषि विभाग का बयान
धान उत्पादन पर बारिश का प्रभाव
कृषि विभाग के एसडीओ सतीश नारा ने कहा कि इस बार बारिश के कारण धान उत्पादन प्रभावित हुआ है। पिछले वर्ष की तुलना में पैदावार कम हुई है, जिससे किसानों को नुकसान हुआ है।
