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क्या चप्पल पहनकर गाड़ी चलाना है सुरक्षित? जानें नियम और खतरे

गर्मी में चप्पल पहनकर गाड़ी चलाना कई लोगों की आदत बन गई है, लेकिन क्या यह सुरक्षित है? जानें भारत में इस पर क्या नियम हैं और कब चालान हो सकता है। क्या चप्पल पहनना गैरकानूनी है? क्या इससे दुर्घटनाएं हो सकती हैं? इस लेख में हम इन सभी सवालों का जवाब देंगे और आपको सही जानकारी प्रदान करेंगे।
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चप्पल पहनकर गाड़ी चलाने के नियम

गर्मी के मौसम में या जल्दी में कई लोग गाड़ी चलाते समय चप्पल पहनना पसंद करते हैं। लेकिन यह सवाल अक्सर उठता है कि क्या चप्पल पहनकर गाड़ी चलाने पर चालान हो सकता है। कुछ लोग इसे गैरकानूनी मानते हैं, जबकि अन्य इसे सामान्य मानते हैं। आइए इस भ्रम को दूर करते हैं और जानते हैं कि भारत में इस संदर्भ में क्या नियम हैं और कब चालान हो सकता है।


क्या चप्पल पहनना गैरकानूनी है?

भारत के मोटर वाहन कानून में ऐसा कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है जो ड्राइवर को जूते पहनने के लिए बाध्य करता हो। इसका मतलब है कि केवल चप्पल पहनने के कारण चालान नहीं किया जा सकता।


चालान कब कट सकता है?

हालांकि कानूनी रूप से चप्पल पहनना प्रतिबंधित नहीं है, लेकिन यदि चप्पल पहनने के कारण ड्राइविंग में नियंत्रण खो जाता है, जैसे कि ब्रेक लगाने में देरी, एक्सीलेटर पर पैर फिसलना, या गियर बदलने में कठिनाई, तो ट्रैफिक पुलिस इसे लापरवाही मान सकती है और चालान काट सकती है।


चप्पल पहनने के खतरे

कुछ प्रकार की चप्पलें, जैसे फ्लिप-फ्लॉप या बैकलेस सैंडल, ड्राइविंग के लिए सुरक्षित नहीं होती हैं क्योंकि ये पैरों को पैडल पर सही तरीके से स्थिर नहीं रख पातीं। इससे ब्रेक लगाने में देरी हो सकती है या पैर फिसलने की संभावना बढ़ जाती है, जिससे दुर्घटना का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे जूते पैडल के नीचे फंस भी सकते हैं, जो सड़क सुरक्षा के लिए खतरनाक हो सकता है।