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खाद्य तेलों की कीमतों में गिरावट की संभावना, सरकार करेगी कस्टम ड्यूटी में कटौती

खाद्य तेलों की कीमतों में गिरावट की संभावना जताई जा रही है, जिसके पीछे रिफाइनर्स द्वारा कम खर्च और वैश्विक बाजार की स्थिति है। सरकार 30 मई को कस्टम ड्यूटी में कटौती करने की योजना बना रही है, जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिल सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, खाद्य मुद्रास्फीति में कमी और मजबूत मानसून के कारण खुदरा कीमतों में गिरावट का रुझान तेज होगा। जानें इस विषय में और क्या जानकारी है।
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खाद्य तेलों की कीमतों में गिरावट की संभावना, सरकार करेगी कस्टम ड्यूटी में कटौती

खाद्य तेलों की कीमतों में संभावित गिरावट


खाद्य तेलों की कीमतों में आने वाले हफ्तों में गिरावट की संभावना है। इसका मुख्य कारण रिफाइनर्स द्वारा ग्राहकों को कम खर्च देना है। वैश्विक स्तर पर 2025 की पहली छमाही में कीमतों में वृद्धि और करेंसी में कमी के चलते खाद्य तेलों की कीमतों में कमी आई है।


इस संभावित गिरावट के मद्देनजर, सरकार 30 मई को कस्टम ड्यूटी में कटौती करने की योजना बना रही है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने खाद्य तेल कंपनियों को निर्देश दिए हैं कि वे साप्ताहिक रूप से वितरकों को मूल्य (PTD) दरों पर अपडेट करें और अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) में कमी करें।


खाद्य तेल की खुदरा कीमतों में गिरावट का रुझान तेज होगा 


एक रिपोर्ट के अनुसार, मई में खाद्य मुद्रास्फीति 2.8% पर गिर गई है और भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने सामान्य से अधिक मजबूत मानसून का अनुमान लगाया है। इन घटनाक्रमों के चलते खाद्य तेल की खुदरा कीमतों में गिरावट की उम्मीद है।


बेसिक कस्टम ड्यूटी को 10 प्रतिशत तक कम किया जाएगा 


रिपोर्ट में बताया गया है कि कच्चे खाद्य तेलों और रिफाइंड खाद्य तेलों के बीच शुल्क अंतर में वृद्धि से घरेलू रिफाइनरों का मुकाबला भी बढ़ेगा। कच्चे पाम तेल पर मूल कस्टम ड्यूटी को 10% तक कम किया गया है, जबकि रिफाइंड खाद्य तेलों पर कस्टम ड्यूटी 32.5% पर स्थिर है। इससे कच्चे और रिफाइंड खाद्य तेलों के बीच कस्टम ड्यूटी का अंतर 8.25% से 19.25% हो गया है।


प्रमुख खिलाड़ियों को संशोधित कस्टम ड्यूटी संरचना से लाभ मिलने की उम्मीद है, क्योंकि इससे रिफाइनर रिफाइंड तेलों के बजाय कच्चे खाद्य तेल के आयात को प्राथमिकता देंगे। इससे क्षमता का उपयोग बढ़ेगा और घरेलू प्रक्रियाओं में सुधार होगा, जिससे रिफाइनिंग मार्जिन में वृद्धि होगी।


भारत खाद्य तेलों का सबसे बड़ा आयातक


भारत विश्व में खाद्य तेलों का सबसे बड़ा आयातक है। देश की आवश्यकताओं का 55–60% इंडोनेशिया और मलेशिया से आयात किया जाता है। भारत ने 2023-24 में 15.96 मिलियन टन खाद्य तेल का आयात किया है, जिसमें पाम ऑयल का 55% हिस्सा है, जबकि सूरजमुखी और सोयाबीन का शेष हिस्सा है।